छत्तीसगढ़ में रेत खनन को नई दिशा: पारदर्शिता, पर्यावरण संरक्षण और जनहित सरकार की प्राथमिकता

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रायपुर, 15 जुलाई 2025
छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य की रेत खनन व्यवस्था को पारदर्शी, पर्यावरणीय रूप से संतुलित और जनहितैषी बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। नई खनिज नीति के तहत अब रेत खनन को वैज्ञानिक दृष्टिकोण, पारदर्शिता और सख्त नियंत्रण के साथ संचालित किया जा रहा है, जिससे राज्य में निर्माण गतिविधियों को गति मिलने के साथ-साथ अवैध खनन पर भी प्रभावी लगाम लगाई जा रही है।


पूर्ववर्ती शासन में अव्यवस्था, नई सरकार में सुधार

पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में जहां रेत खदानों की संख्या 300 से घटकर मात्र 100-150 रह गई थी, वहीं वर्तमान सरकार ने इस गड़बड़ी को सुधारते हुए खनन नीति में आमूलचूल परिवर्तन किए हैं। खनन प्रक्रिया को संगठित, नियंत्रित और जनहितकारी बनाकर पुनः सक्रिय किया गया है ताकि रेत की सुचारु आपूर्ति और निर्माण कार्यों में सुगमता बनी रहे।


तीव्र और सरल पर्यावरणीय स्वीकृति प्रक्रिया

खनन अनुमति प्रक्रिया में पारदर्शिता और तेजी लाने हेतु राज्य में तीन नई पर्यावरण समाघात निर्धारण समितियों का गठन किया गया है, जिन्हें भारत सरकार से मंजूरी प्राप्त है। इससे पहले सिर्फ एक समिति काम कर रही थी, जिससे स्वीकृति प्रक्रियाएं धीमी थीं। अब लंबित प्रकरणों का तेजी से निराकरण हो पा रहा है।


वैध खदानों में वृद्धि: निर्माण कार्यों को मिलेगा बल

वर्तमान में 119 रेत खदानें पर्यावरणीय स्वीकृति के साथ विधिवत संचालन में हैं, जबकि 94 खदानें अंतिम स्वीकृति प्रक्रिया में हैं। अगले 1 से 1.5 वर्षों में 300 से अधिक नई खदानों को संचालन की मंजूरी देने की योजना है। इससे बाजार में रेत की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित होगी और सरकारी एवं निजी निर्माण परियोजनाओं को समयबद्ध गति मिलेगी।


IIT रुड़की की रिपोर्ट: वैज्ञानिक खनन सुरक्षित

राज्य सरकार ने खनन के पर्यावरणीय प्रभावों का मूल्यांकन करने के लिए IIT रुड़की से अध्ययन कराया। रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ कि यदि रेत खनन को विधिवत और नियंत्रित तरीके से किया जाए तो नदियों या पर्यावरण पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता। इस अध्ययन से सरकार की वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित नीति को बल मिला है।


अवैध खनन पर सख्त कार्रवाई

वर्ष 2024-25 से जून 2025 तक राज्य में 6,331 अवैध रेत खनन के मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें:

  • ₹18.02 करोड़ की वसूली

  • 184 मशीनों की जब्ती

  • 56 एफआईआर दर्ज

  • और 57 न्यायालयीन परिवाद दायर किए गए

राज्य और जिला स्तरीय टास्क फोर्स लगातार कार्रवाई में जुटी हैं, जिनमें खनिज, राजस्व, पुलिस, परिवहन और पर्यावरण विभाग के अधिकारी शामिल हैं। इससे रेत के अवैध कारोबार पर बड़ी हद तक रोक लगी है।


विवादों पर त्वरित प्रशासनिक कार्रवाई

राजनांदगांव और बलरामपुर जैसे जिलों में रेत खनन से जुड़े विवादों और घटनाओं पर तुरंत कानूनी और प्रशासनिक कार्रवाई की गई है। शासन ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी अवैध या विवादास्पद गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


गरीबों को राहत: रॉयल्टी में छूट

15 मार्च 2024 को राज्य शासन ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना के पात्र हितग्राहियों को रेत पर रॉयल्टी में छूट प्रदान की। इससे गरीब परिवारों को सीधा लाभ मिला है और घर बनाने में उन्हें आर्थिक सहायता मिली है।


भविष्य की दिशा: पारदर्शिता और पर्यावरणीय संतुलन

छत्तीसगढ़ सरकार की नई खनिज नीति जनहित, पारदर्शिता और पर्यावरणीय संतुलन को मूलभूत सिद्धांत मानती है। यह नीति केवल रेत खनन तक सीमित नहीं, बल्कि राज्य के समग्र विकास और प्राकृतिक संसाधनों के स्थायी उपयोग का रोडमैप भी है।

सरकार का लक्ष्य है कि खनन जैसे संवेदनशील विषय को वैज्ञानिक, पारदर्शी और दीर्घकालिक रणनीति से संचालित किया जाए, जिससे विकास और पर्यावरण दोनों का समुचित संतुलन बना रहे।


मुख्य बिंदु एक नजर में:

✅ वैध रेत खदानों की संख्या में वृद्धि
✅ पर्यावरणीय स्वीकृति की प्रक्रिया में तेजी
✅ IIT रुड़की की रिपोर्ट से वैज्ञानिक समर्थन
✅ 6,331 अवैध खनन मामलों में कार्रवाई
✅ रॉयल्टी में छूट से गरीबों को राहत
✅ नीति का लक्ष्य – पारदर्शिता, विकास और संरक्षण

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