सीएसआर फंड के खर्च पर बस्तर में उठा सवाल: किरण देव बोलीं – मेरे प्रस्तावित कार्यों को भी नहीं मिली मंजूरी

Spread the love

रायपुर, 15 जुलाई 2025।
छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन बस्तर में उद्योगों द्वारा खर्च की जा रही सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) फंड की पारदर्शिता को लेकर तीखी बहस देखने को मिली। जगदलपुर की भाजपा विधायक किरण देव ने प्रश्नकाल में यह मुद्दा जोरशोर से उठाया।

विधायक किरण देव ने सरकार से सवाल किया कि बस्तर संभाग में पिछले वर्षों में सीएसआर मद से लगभग 21 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, जिसमें से 7.44 करोड़ रुपये खर्च होने की जानकारी सामने आई है। उन्होंने पूछा कि यह रकम किस मद में और किन-किन कार्यों में खर्च की गई? इसके साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने जो विकास कार्यों के प्रस्ताव दिए थे, उन्हें स्वीकृति नहीं दी गई और पहले से स्वीकृत कार्यों के लिए निर्धारित राशि में भी कटौती की गई।

उद्योग मंत्री ने दिया जवाब, नेता प्रतिपक्ष ने मांगी जांच

उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि प्रश्न का विस्तृत उत्तर लिखित रूप में दे दिया गया है, जिसमें खर्च की गई राशि और मदों का उल्लेख है। उन्होंने यह भी कहा कि किरण देव का एक प्रस्ताव मंजूर हुआ है, जबकि 17 अन्य कार्यों की स्वीकृति अभी बाकी है, जिन्हें आगे बढ़ाया जाएगा।

इस बीच नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा,

“यह पता लगना चाहिए कि सीएसआर फंड में उद्योगों की कुल आय का कितना प्रतिशत दिया जा रहा है? क्या यह निर्धारित मानकों के अनुसार है?”

उद्योग मंत्री ने जानकारी दी कि सीएसआर फंड के तहत तीन वर्षों के औसत लाभ का दो प्रतिशत खर्च करना अनिवार्य है। इस पर डॉ. महंत ने सुझाव दिया कि वर्तमान सरकार और पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार के दौरान मिले और खर्च किए गए सीएसआर फंड की तुलनात्मक जांच कराई जानी चाहिए, ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके।


मुख्य बिंदु:

  • बस्तर में सीएसआर मद से अब तक 21 करोड़ रुपये मिले, जिनमें से 7.44 करोड़ के खर्च पर सवाल।

  • किरण देव ने कहा – मेरे प्रस्तावित कार्यों को मंजूरी नहीं मिली, राशि में कटौती की गई।

  • उद्योग मंत्री – 17 प्रस्ताव अभी लंबित, स्वीकृति दी जाएगी।

  • डॉ. महंत ने मांगी जांच – वर्तमान बनाम पिछली सरकार के सीएसआर खर्च की जांच हो।


यह मामला आने वाले दिनों में बस्तर के विकास कार्यों और सीएसआर फंड के उपयोग की पारदर्शिता को लेकर और भी राजनीतिक चर्चा और जांच का विषय बन सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *