मुख्य बिंदु:
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मैनपुर से शुरू हुई थी जन न्याय पदयात्रा, आज देवपुरी से होगा समापन
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, सांसद-विधायक, और सभी मोर्चा संगठन होंगे शामिल
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राजभवन जाकर राज्यपाल को सौंपेंगे प्रदेश की जनसमस्याओं से जुड़ा ज्ञापन
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भाजपा सरकार के खिलाफ जनआक्रोश और जनसंवाद का संगठित मंच
रायपुर | ब्यूरो रिपोर्ट
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस द्वारा आयोजित जन न्याय पदयात्रा का आज अंतिम चरण है। यह व्यापक जनसंपर्क अभियान मैनपुर से शुरू होकर राजधानी रायपुर के देवपुरी में अंतिम पड़ाव पर पहुंचा है, जहां से पार्टी के नेता और कार्यकर्ता राजभवन की ओर प्रस्थान करेंगे। पदयात्रा के समापन पर राज्यपाल को एक जनहित से संबंधित ज्ञापन सौंपा जाएगा।
जनता के लिए न्याय की मांग
कांग्रेस पार्टी की इस पदयात्रा का उद्देश्य प्रदेश की आम जनता की आवाज़ को शासन के शीर्ष तक पहुंचाना रहा है। इस अभियान के माध्यम से कांग्रेस ने गांव, कस्बों और शहरों में जाकर जनता की समस्याएं, शिकायतें और आकांक्षाएं जानीं। अब इन बिंदुओं को लेकर कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मुलाकात करेगा और ज्ञापन सौंपेगा।
देवपुरी से राजभवन की ओर अंतिम प्रस्थान
पदयात्रा का अंतिम प्रस्थान आज देवपुरी से होगा, जहां प्रदेश कांग्रेस के तमाम वरिष्ठ नेता, सांसद, विधायक और संगठन प्रमुख जुटेंगे। इस समापन मार्च में शामिल होंगे:
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प्रदेश कांग्रेस पदाधिकारीगण
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सांसद व विधायकगण
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महिला कांग्रेस, युवा कांग्रेस, एनएसयूआई,
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किसान कांग्रेस, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ,
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विधि प्रकोष्ठ, अनुसूचित जाति-जनजाति, और
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पिछड़ा वर्ग विभाग के प्रतिनिधि
यह संयुक्त उपस्थिति कांग्रेस के संगठित जनबल और राजनीतिक एकजुटता को भी दर्शाएगी।
ज्ञापन में होंगी ये प्रमुख मांगे
राज्यपाल को जो ज्ञापन सौंपा जाएगा, उसमें राज्य की ज्वलंत समस्याओं और भाजपा सरकार की विफलताओं का उल्लेख किया जाएगा। संभावित मुद्दे हैं:
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बेरोजगारी और महंगाई पर रोक लगाने की मांग
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किसानों को समय पर बोनस और फसल बीमा
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अनुसूचित जाति/जनजाति व पिछड़े वर्गों के अधिकारों की सुरक्षा
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महिला सुरक्षा और छात्रवृत्ति जैसे कल्याणकारी कार्यक्रमों की बहाली
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संवैधानिक संस्थाओं की निष्पक्षता की पुनर्स्थापना
राजनीतिक संदेश भी स्पष्ट
जन न्याय पदयात्रा के समापन के माध्यम से कांग्रेस ने एक बार फिर यह संदेश देने की कोशिश की है कि पार्टी सिर्फ विपक्ष में नहीं बैठी, बल्कि जनता के मुद्दों के साथ सड़कों पर है। विशेषज्ञ इसे कांग्रेस की आगामी रणनीति का हिस्सा मान रहे हैं, जो जन समर्थन के पुनर्निर्माण और भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जनचेतना जगाने की कोशिश है।
निष्कर्ष
जन न्याय पदयात्रा का समापन एक प्रतीकात्मक घटना मात्र नहीं है, बल्कि यह कांग्रेस की उस रणनीति का हिस्सा है जिसके ज़रिए वह छत्तीसगढ़ की जनता को यह भरोसा दिलाना चाहती है कि उनकी आवाज़ उठाने वाला कोई है।
राजभवन को सौंपा जाने वाला ज्ञापन केवल कागज़ का दस्तावेज़ नहीं, बल्कि एक राजनीतिक चेतावनी और जनादेश का संकेत भी होगा।