प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने धर्मांतरण, हवाला लेनदेन और मनी लॉन्ड्रिंग केस में बड़ी कार्रवाई की है। गुरुवार (17 जुलाई) सुबह छांगुर बाबा के 14 ठिकानों पर छापा मारा है। बलरामपुर से मुंबई तक छापेमार कार्रवाई चल रही है। मुंबई के दो ठिकानों पर रहने वाले शहजाद शेख से 2 करोड़ के लेन-देन को लेकर पूछताछ चल रही है। यह पैसा नवीन ने शहजाद को दिया था। नवीन भी छांगुर बाबा का करीबी है। जांच एजेंसी का सर्च ऑपरेशन अभी जारी है।
इसलिए ED ने की कार्रवाई
बता दें कि छांगुर बाबा पर आरोप है कि उसने बड़े पैमाने पर धर्मांतरण रैकेट चलाया और हवाला के जरिए पैसों का लेनदेन किया। ईडी इसी लेनदेन और मनी ट्रेल की जांच कर रही है। एजेंसी को शक है कि अवैध फंडिंग के जरिए देश के अलग-अलग हिस्सों में धर्मांतरण की गतिविधियां संचालित की गई हैं। ED को अब तक छांगुर बाबा के 18 बैंक अकाउंट की डिटेल मिल चुकी है। बाबा के अलग-अलग बैंक अकाउंट में करीब 100 करोड़ जमा हैं।
5 बैंक अकाउंट मिले
प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में सामने आया है कि नवीन के बैंक खाते से शहजाद को 2 करोड़ ट्रांसफर किए गए थे। इसके अलावा ED को विदेशों में 5 बैंक अकाउंट मिले हैं जिनके जरिए छांगुर बाबा और उसके गिरोह ने पैसों का लेन-देन किया गया। ये खाते दुबई, शारजाह और UAE के अन्य शहरों में मौजूद हैं। इन्हीं खातों के जरिए विदेशों से फंडिंग की जा रही थी।
500 करोड़ की विदेशी फंडिंग
ED अब यह जांच कर रही है कि छांगुर बाबा को विदेशों से कब, कितना और किन जगहों से पैसा मिला। अब तक की जांच में यह भी सामने आया है कि छांगुर बाबा को करीब 500 करोड़ रुपये की विदेशी फंडिंग मिली है। इस फंडिंग के लिए बाबा ने विदेश यात्राएं भी की थीं।
छांगुर के करीबी की तलाश में गोंडा पहुंची एटीएस
छांगुर के करीबी की तलाश में मंगलवार रात एटीएस धानेपुर के रेतवागाड़ा पहुंची। जांच में रमजान का नाम सामने आया था। वह कव्वाली सहित अन्य कार्यक्रमों में ढोलक बजाता था। कार्यक्रम के सिलसिले में ही उसकी मुलाकात छांगुर से हुई थी। बताया जाता है कि छांगुर ने रमजान को धर्म परिवर्तन के लिए लोगों को तैयार करने की जिम्मेदारी दी थी।
कौन है छांगुर बाबा
छांगुर बाबा का जन्म बलरामपुर के रेहरा माफी गांव में हुआ। छांगुर के तीन और भाई हैं। छांगुर बाबा सबसे बड़ा है। बाबा ने कई साल तक भीख मांगकर जीवन यापन किया। छांगुर बाबा ने साइकिल से नग और अंगूठी बेचने का काम भी किया। फिर मुंबई चला गया। बाद में अपने खुद को पीर घोषित किया। छांगुर बाबा दो बार 2005-2010 और 2015-2020 तक गांव रेहरा माफ़ी का प्रधान भी रहा। 2020 के बाद बाबा ने गाड़ी वगैरह ख़रीदी। धीरे-धीरे बढ़ता गया और करोड़ों रुपए कमाए। छांगुर बाबा के सहयोगी बब्बू चौधरी ने एक साल पहले उसके खिलाफ अवैध धर्मांतरण की शिकायत की थी। शिकायत के बाद कई संगठनों ने प्रशासन से कार्रवाई की मांग की थी। छांगुर बाबा ने बब्बू के खिलाफ केस दर्ज कराया था। जवाब में बब्बू ने भी केस किया। अब एटीएस के बाद ED ने छांगुर बाबा पर शिकंजा कसा है।