प्रविन्द्र सिंह – बैकुण्ठपुर। छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में हो बारिश से नदी, नाले और जलाशयों का जलस्तर सामान्य से बहुत अधिक बढ़ गया है। वहीं शुक्रवार को झुमका जलाशय में 80 प्रतिशत और गेज बांध में सिर्फ 36 प्रतिशत ही जलभरा हो चुका है। इसी तरह कोरिया जिले की कुल 60 जल संसाधन योजनाओं में औसतन 60.28 प्रतिशत जल भराव दर्ज किया गया है, जो किसानों के लिए एक बड़ी राहत है।खेतों को अब पर्याप्त सिंचाई जल मिल पाएगा, जिससे खरीफ फसलों की स्थिति बेहतर होगी। मध्यम सिंचाई परियोजनाओं 2 में कुल 46.24 मिलियन घन मीटर क्षमता के मुकाबले 33.30 मिलियन घन मीटर यानी 72.02 प्रतिशत जल भराव हो चुका है। वहीं 53 लघु जलाशयों में कुल 54.68 मिलियन घन मीटर क्षमता के विरूद्ध 27.86 मिलियन घन मीटर जल है, जो 50.96 प्रतिशत भराव को दर्शाता है। हालांकि एक डायवर्सन योजना और चार एनीकटों में अभी जल भराव नहीं हुआ है, लेकिन विभागीय अधिकारियों का कहना है कि यदि वर्षा इसी तरह जारी रही तो इन योजनाओं में भी जल्द जल संग्रहण होगा।
खरीफ फसलों को मिलेगा लाभ
जलस्तर में यह सुधार खरीफ सीजन की फसलों के लिए फायदेमंद साबित होगा। जल संसाधन विभाग के ईई ए टोप्पो का ने कहा कि, विभाग सतत निगरानी रख रहा है और सिंचाई आवश्यकताओं की के लिए समय रहते हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। 18 जुलाई की स्थिति में झुमका जलाशय में 80 प्रतिशत और गेज बांध में 36 प्रतिशत जलभराव हो चुका है। वहीं कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि, इस जलभराव का सीधा लाभ धान, मक्का और अन्य खरीफ फसलों को मिलेगा, जिससे उत्पादन में बढ़ोतरी की संभावना है।
क्षमता का 60 प्रतिशत जल उपलब्ध
जिले की कुल जल संग्रहण क्षमता 101.46 मिलियन घन मीटर है, जिसमें से 61.16 मिलियन घन मीटर जल संग्रहित हो चुका है। यह आंकड़ा साफ तौर पर बताता है कि, जिला इस वर्ष सूखे के संकट से काफी हद तक सुरक्षित रहेगा। जलाशयों में यह स्तर आने वाले समय में सिंचाई के साथ-साथ पेयजल और भू-जल रिचार्ज के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में किसान इसे राहत के संकेत के रूप में देख रहे हैं।