रायपुर। प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना में केंद्र सरकार के बाद अब छत्तीसगढ़ की साय सरकार भी इस योजना में सब्सिडी देने जा रही है। इसके लिए बजट में दो सौ करोड़ रखे गए हैं। राज्य सरकार की सब्सिडी के इंतजार में आवेदनों की रफ्तार जरूर बढ़ गई है। इस समय योजना में 29 सौ घरों में सोलर पैनल लग गए हैं। 41 हजार से ज्यादा आवेदन भी आ गए हैं। 2027 तक प्रदेश में 1.30 लाख घरों को रोशन करने का लक्ष्य है। केंद्र सरकार ने घरों की छतों पर बिजली उत्पादन की योजना बनाई है। जहां पर छत्तीसगढ़ का सवाल है तो यहां के लिए छत्तीसगढ़ राज्य पॉवर कंपनी ने 2027 तक के लिए सवा लाख से ज्यादा का लक्ष्य रखा है, लेकिन इससे ज्यादा घरों को रोशन करने की योजना है।
इसका परिणाम है, डबल सब्सिडी का लाभ और हाफ बिजली से मुफ्त बिजली की दिशा में ठोस कदम। इस योजना से न केवल घरों में मुफ्त बिजली मिलेगी, बल्कि आमजन के मासिक खर्च में भी अभूतपूर्व कमी आएगी। इसके साथ ही अतिरिक्त बिजली की बिक्री से कमाई का नया अवसर भी खुलेगा। बेमेतरा जिले में माह मई 2025 तक 24 नागरिकों ने अपने निवास की छतों पर जरूरतें मुताबिक एक किलोवाट वाट से लेकर 6 किलोवाट तक सोलर पैनल लगवाए है। यह लेख इस योजना के विभिन्न पहलुओं, इसके आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभाव तथा छत्तीसगढ़ की दृष्टि को विस्तार से समझने का प्रयास है। पूर्व में केंद्र सरकार इस योजना के अंतर्गत घरेलू उपभोक्ताओं को सोलर पैनल लगाने पर 60% तक की सब्सिडी देती थी। छत्तीसगढ़ सरकार अब इस सब्सिडी में अपनी भागीदारी जोड़कर उपभोक्ताओं को सब्सिडी प्रदान कर रही है। यानी, एक सामान्य 3 किलोवाट क्षमता वाले सोलर सिस्टम की लागत लगभग ₹1.5 लाख होती है, जिसमें अब उपभोक्ता को केवल ₹30,000-₹40,000 ही वहन करना होगा।
मिलेगा आसान ऋण और सस्ती होगी EMI
छत्तीसगढ़ सरकार और बैंकिंग संस्थाओं के बीच हुए करार के तहत अब उपभोक्ताओं को 6.5% की रियायती ब्याज दर पर 10 वर्षों के लिए ऋण सुविधा उपलब्ध होगी। इससे मासिक ईएमआई बेहद कम हो जाएगी। इतना कम कि यह आपके मौजूदा मासिक बिजली बिल से भी कम हो सकता है। इसका अर्थ है कि उपभोक्ता हर माह बिजली का बिल देने के बजाय अब सोलर सिस्टम का ईएमआई देगा और कुछ वर्षों बाद जीवनभर मुफ्त बिजली का आनंद लेगा। सूर्य ऊर्जा से उत्पादित बिजली यदि आपके घर की खपत से अधिक है, तो वह अतिरिक्त बिजली राज्य की डिस्कॉम कंपनियों को ग्रिड के माध्यम से बेची जा सकती है। इस अतिरिक्त बिक्री से उपभोक्ता को आय होगी, जिससे वह न केवल अपने निवेश की भरपाई कर सकेगा। बल्कि एक अतिरिक्त आमदनी का साधन भी विकसित होगा। यह प्रावधान छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में ग्रामीण एवं अर्ध-शहरी क्षेत्र के परिवारों के लिए आर्थिक आत्मनिर्भरता का माध्यम बन सकता है।
पर्यावरणीय लाभ के साथ हर घर बनेगा ग्रीन एनर्जी हब
सूर्य ऊर्जा स्वच्छ और अक्षय स्रोत है। पीएम सूर्य घर योजना के माध्यम से न केवल बिजली की निर्भरता को कम किया जा रहा है, बल्कि कार्बन उत्सर्जन में भी भारी कमी लाई जा रही है। इस योजना से जुड़े हर घर को अब ‘ग्रीन एनर्जी हब’ कहा जा सकता है, जो जलवायु परिवर्तन से लड़ने में सक्रिय योगदान दे रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार ने इस दिशा में एक हरित और दीर्घकालिक विकास मॉडल प्रस्तुत किया है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगा संबल
छत्तीसगढ़ के अधिकांश गाँवों में बिजली की आपूर्ति कई बार बाधित रहती है। सूर्य ऊर्जा के माध्यम से अब इन गाँवों में निर्बाध और स्वच्छ ऊर्जा की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी। इसके साथ ही स्थानीय तकनीशियनों, इंस्टॉलेशन एजेंसियों और सौर उपकरण निर्माताओं के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। यह योजना न केवल ऊर्जा आत्मनिर्भरता बल्कि रोजगार सृजन का भी जरिया बन रही है।
हाफ बिजली से होगी मुफ्त बिजली
छत्तीसगढ़ सरकार ने इस योजना के तहत ‘हाफ बिजली से मुफ्त बिजली’ का नारा दिया है, जिसका अभिप्राय है कि एक बार सौर पैनल लगाने के बाद जो बिजली पहले बिल के रूप में जाती थी, अब उसी लागत से उपभोक्ता को मुफ्त बिजली मिलेगी। राज्य सरकार का यह संकल्प छत्तीसगढ़ को हरित ऊर्जा राज्य बनाने की दिशा में उल्लेखनीय कदम है।
ऐसे ले योजना का लाभ
सामान्य नागरिक इस योजना से जुड़ने के लिए https://pmsuryaghar.gov.in पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के बाद विद्युत वितरण कंपनी और अधिकृत विक्रेता द्वारा निरीक्षण किया जाएगा। फिर सोलर पैनल की इंस्टॉलेशन होगी और उसके बाद सब्सिडी की राशि उपभोक्ता के खाते में सीधे जमा होगी। छत्तीसगढ़ में अब जिला स्तर पर जनसंपर्क, पंचायत और बिजली विभाग के सहयोग से जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं ताकि अधिक से अधिक लोग योजना से लाभान्वित हो सकें।
सौर ऊर्जा से समृद्ध होगा छत्तीसगढ़
प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के साथ छत्तीसगढ़ सरकार की सहभागिता ने राज्य के लाखों घरों के लिए उजाला और समृद्धि का नया मार्ग प्रशस्त किया है। डबल सब्सिडी, आसान ऋण, अतिरिक्त आमदनी और पर्यावरणीय संरक्षण- ये सभी पहलू मिलकर छत्तीसगढ़ को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर ले जा रहे हैं। अब जरूरत है जनभागीदारी और जागरूकता की। हर नागरिक को इस योजना से जुड़कर हर घर सौर- हर घर रोशन के सपने को साकार करने में अपनी भूमिका निभानी होगी। यही एक स्वच्छ, समृद्ध और सशक्त छत्तीसगढ़ की दिशा में सच्चा योगदान होगा।