रायपुर। राजधानी रायपुर के कलेक्टोरेट परिसर स्थित एसएसपी कार्यालय को अब जल्द ही शिफ्ट किया जाएगा। इस स्थानांतरण की तैयारी प्रशासन स्तर पर पूरी कर ली गई है और प्रस्ताव को शासन से भी मंजूरी मिल चुकी है। नया SSP ऑफिस अब पुराना आरडीए कॉम्प्लेक्स के पास स्थित संभाग आयुक्त कार्यालय के पुराने भवन में स्थानांतरित किया जाएगा।
इस निर्णय के साथ ही कलेक्टोरेट परिसर में लंबे समय से अटकी पांच मंजिला कम्पोजिट बिल्डिंग के निर्माण का रास्ता भी साफ हो गया है, जो SSP कार्यालय की वर्तमान जमीन पर ही प्रस्तावित है।
क्यों हो रहा है SSP कार्यालय का स्थानांतरण?
वर्तमान में SSP कार्यालय कलेक्टोरेट परिसर में स्थित है। इसी स्थान पर प्रशासन नई कम्पोजिट बिल्डिंग का निर्माण करना चाहता है। यह बिल्डिंग कलेक्टोरेट में कार्यरत कई विभागों को एक ही छत के नीचे लाने का काम करेगी। लेकिन SSP कार्यालय की मौजूदगी के कारण यह प्रोजेक्ट अटका हुआ था।
अब जैसे ही SSP कार्यालय वर्तमान जगह से शिफ्ट होगा, उसी जमीन पर नई पांच मंजिला कम्पोजिट बिल्डिंग का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
संभागायुक्त कार्यालय भी होगा शिफ्ट
SSP कार्यालय को जिस भवन में शिफ्ट किया जाना है, वह फिलहाल संभाग आयुक्त कार्यालय के तौर पर उपयोग में है। लेकिन रायपुर संभाग आयुक्त कार्यालय के लिए तीन मंजिला नया भवन पुराने भवन के पीछे तेजी से तैयार हो रहा है।
सूत्रों के अनुसार, नए भवन का लगभग 60% कार्य पूर्ण हो चुका है और अब अंतिम फिनिशिंग वर्क चल रहा है। अनुमान है कि अगले तीन से चार महीने के भीतर संभागायुक्त कार्यालय को नए भवन में शिफ्ट कर दिया जाएगा। इसके तुरंत बाद, पुराना भवन SSP कार्यालय को सौंप दिया जाएगा।
✅ प्रस्ताव को मिली शासन की मंजूरी
रायपुर के एसएसपी लाल उम्मेद सिंह ने जानकारी दी कि SSP कार्यालय को संभागायुक्त के पुराने भवन में शिफ्ट करने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। अब उस प्रस्ताव को औपचारिक मंजूरी मिल चुकी है। विभागीय स्तर पर शिफ्टिंग की तैयारियाँ शुरू कर दी गई हैं।
⏳ तीन-चार महीने की और प्रतीक्षा
प्रशासन का अनुमान है कि SSP कार्यालय का स्थानांतरण अगले तीन से चार महीने में संपन्न हो जाएगा। जैसे ही संभागायुक्त कार्यालय अपने नए भवन में शिफ्ट होगा, SSP कार्यालय को पुराने भवन में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
️ ढाई साल से अटका निर्माण कार्य और बढ़ता बजट
यह स्थानांतरण प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही पांच मंजिला कम्पोजिट बिल्डिंग का निर्माण कार्य शुरू हो पाएगा, जो ढाई साल से अटका पड़ा है।
पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा इस इमारत का टेंडर दो साल पहले ही जारी कर दिया गया था। उस समय इसकी लागत लगभग 29 करोड़ 30 लाख रुपये थी और निर्माण एजेंसी को समय-सीमा भी निर्धारित की गई थी।
अब जब निर्माण कार्य ढाई साल बाद शुरू होगा, तो इसकी लागत में भी बढ़ोतरी होना तय है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, निर्माण लागत में कम से कम तीन करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे शासन को अतिरिक्त वित्तीय बोझ उठाना पड़ेगा।