रायपुर, 22 जुलाई 2025 — छत्तीसगढ़ सरकार ने वाहन पंजीयन और ट्रांसफर से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए नया मोटरयान कराधान विधेयक पारित कर दिया है। इसके तहत अब पुरानी गाड़ियों की बिक्री पर हर बार नामांतरण (ट्रांसफर) के समय वाहन मूल्य का 1% शुल्क देना अनिवार्य होगा, जबकि परिवहन यानों (जैसे ट्रक, मालवाहक) के लिए यह शुल्क 0.5% निर्धारित किया गया है।
हर बार गाड़ी बिकेगी, सरकार को मिलेगा शुल्क
नए नियमों के अनुसार, अब कोई भी गाड़ी जब-जब बेची जाएगी या मालिक बदलेगा, तब-तब वाहन के मानक मूल्य के अनुसार शुल्क लिया जाएगा।
उदाहरण के तौर पर, यदि कोई कार 10 लाख रुपये की है और उसे बेचा जाता है, तो ट्रांसफर के समय 1% यानी 10,000 रुपये शुल्क देना होगा। अगर वही कार बार-बार बिकती है, तो हर बार सरकार को उतना ही शुल्क प्राप्त होगा।
परिवहन यानों के लिए यह शुल्क 0.5% होगा, जिससे वाणिज्यिक गाड़ियों की बार-बार बिक्री पर भी राज्य सरकार को स्थायी राजस्व प्राप्त होगा।
कंस्ट्रक्शन वाहनों पर लगेगा लाइफटाइम टैक्स
सरकार ने कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट श्रेणी के वाहनों की टैक्स प्रणाली में भी बड़ा बदलाव किया है। अब इन वाहनों पर मासिक या त्रैमासिक टैक्स की जगह पंजीयन के समय ही लाइफटाइम टैक्स देना अनिवार्य होगा।
इनमें लोडर, डंपर, मोबाइल क्रेन, बेकहो लोडर जैसे मशीनें शामिल हैं। इतना ही नहीं, यदि ऐसे वाहन आगे चलकर बेचे जाते हैं या स्वामित्व बदला जाता है, तो फिर से मानक मूल्य का 0.5% शुल्क देना होगा।
सरकार ने किया विधेयक पारित, खजाने में आएगा स्थायी राजस्व
इन प्रावधानों को लागू करने के लिए राज्य सरकार ने “छत्तीसगढ़ मोटरयान कराधान नियम विधेयक 2025” विधानसभा में पारित कराया है। इसके माध्यम से राज्य सरकार ने जहां वाहन मालिकों पर अतिरिक्त आर्थिक भार डाला है, वहीं अपनी राजस्व प्रणाली को और सशक्त किया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इससे राज्य सरकार को स्थायी आय का स्रोत मिलेगा, लेकिन वाहन व्यापारियों और आम उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ भी पड़ेगा।