भाटापारा, 22 जुलाई 2025 — सावन मास के पावन अवसर पर भाटापारा से बाबा बैजनाथ धाम, देवघर (झारखंड) की ओर जाने वाला ‘जय भोले कांवरिया संघ’ का भव्य जत्था इस वर्ष भी पूरी श्रद्धा और परंपरा के साथ रवाना हुआ। यह यात्रा लगातार 23 वर्षों से न सिर्फ आस्था की मिसाल बन चुकी है, बल्कि नगर की धार्मिक पहचान का प्रतीक भी बन गई है।
हर वर्ष की तरह इस बार भी सैकड़ों श्रद्धालु सावन के दूसरे सोमवार को बोल बम सेवा समिति एवं जय भोले कांवरिया संघ के नेतृत्व में विशेष ट्रेन से देवघर के लिए रवाना हुए। वहां से ये सभी श्रद्धालु सुल्तानगंज में गंगा स्नान कर कांवर में जल भरते हैं और फिर लगभग 2-3 दिन की पैदल यात्रा कर बाबा बैजनाथ धाम पहुंचते हैं।
यात्रियों के लिए विशेष सुविधाएं: समिति की ओर से भोजन-व्यवस्था
कांवर यात्रा की खास बात यह है कि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए भोजन, विश्राम और अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं पहले से ही की जाती हैं। संघ की ओर से एक अलग वाहन में रसोई सामग्री, रसोइया और जरूरी सामान पहले ही रवाना कर दिया जाता है, जो पूरे जत्थे के साथ चलता है।
प्रत्येक दिन श्रद्धालुओं को सुबह नाश्ता, दोपहर भंडारा और रात्रि भोजन वहीं पर तैयार कराकर उपलब्ध कराया जाता है। यह सेवा यात्रा को और भी सुखद एवं संगठित बनाती है।
श्रद्धा और सेवा का संगम
जय भोले कांवरिया संघ के सदस्य ब्रज किशोर अग्रवाल, संजय अग्रवाल और हीरा मंधान ने बताया कि यह यात्रा केवल धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि बाबा भोलेनाथ की सेवा और सौभाग्य का प्रतीक है। हर वर्ष जलाभिषेक के बाद जब कांवरिए वापस लौटते हैं, तो भाटापारा में बाबा महाकाल की भव्य सवारी नगर भ्रमण पर निकलती है, जिसमें हजारों की संख्या में नगरवासी श्रद्धा के साथ शामिल होते हैं।
वर्ष भर चलते हैं धार्मिक आयोजन
संघ केवल सावन यात्रा तक सीमित नहीं रहता, बल्कि पूरे वर्ष धार्मिक आयोजनों का आयोजन करता है। जन्माष्टमी के बाद निकलने वाले राम सप्ताह जुलूस में भव्य प्रसाद वितरण किया जाता है, जो नगरवासियों के बीच विशेष आकर्षण का केंद्र रहता है।