भिलाई, छत्तीसगढ़ — सपनों की नगरी मुंबई तक पहुँचने की कोशिश कर रहीं 12 से 16 साल की चार नाबालिग बालिकाओं को नागपुर रेलवे स्टेशन से सुरक्षित बरामद कर लिया गया है। ये सभी लड़कियां बिना परिवार को बताए घर से निकल गई थीं। इनका सपना था – बॉलीवुड की हीरोइन बनना। लेकिन ये मासूम बच्चियां नहीं जानती थीं कि रील लाइफ और रियल लाइफ का फर्क कितना खतरनाक हो सकता है।
कैसे शुरू हुआ ‘मुंबई भागने’ का सपना?
सभी लड़कियां भिलाई की कन्या शाला शांति नगर, सुपेला में पढ़ाई करती हैं। उनमें से एक दुकान में काम करती थी, जहां उसकी दोस्ती एक अन्य लड़की से हुई। वहीं से शुरू हुआ “बॉलीवुड का सपना” और घर से भागने की योजना।
चारों सहेलियों — जागृति, सुमन, पूषा और विभा (नाम बदले गए) — ने 21 जुलाई को घूमने के बहाने महादेव घाट जाने का प्लान बनाया। लेकिन लौटते वक्त एक लड़की ने कहा – “मैं घर नहीं जाऊंगी, मम्मी-पापा बहुत मारते हैं। भाग चलते हैं!” बाकी लड़कियों ने भी हामी भर दी।
सिर्फ ₹300 में सपना? — गैस चूल्हा बेचकर पकड़ी ट्रेन
मुंबई जाने के लिए पैसे नहीं थे, तो जिस लड़की की मौसी के घर ये पहुंचीं, वहां से गैस चूल्हा चुराकर ₹300 में बेच दिया गया। फिर रात 9 बजे की ट्रेन पकड़ी और रात 1 बजे नागपुर स्टेशन पहुंच गईं।
सुबह 7 बजे की ट्रेन से मुंबई रवाना होने वाली थीं, लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था…
सोशल मीडिया बना ‘लोकेशन ट्रैकर’ — पुलिस को लगी भनक
यात्रा के दौरान लड़कियों ने सोशल मीडिया पर फोटो पोस्ट कर दिए। यही उनकी सबसे बड़ी गलती बन गई। परिजनों ने तस्वीरें देखीं और पुलिस को खबर दी।
सुपेला पुलिस ने तेजी से CCTV फुटेज निकाला, लोकेशन ट्रेस की और नागपुर स्टेशन पर आरपीएफ और जीआरपी की मदद से सभी नाबालिग बालिकाओं को सुरक्षित बरामद कर लिया।
मुस्कान अभियान के तहत बचाई गई ज़िंदगियाँ
चारों लड़कियों को शासकीय बालिका गृह, काटोल रोड, नागपुर में सुरक्षित रखा गया है और उन्हें वापस परिजनों के सुपुर्द करने की प्रक्रिया दुर्ग पुलिस द्वारा की जा रही है। यह कार्य ‘मुस्कान अभियान’ के तहत किया गया — जो कि गुमशुदा बच्चों की वापसी और पुनर्वास के लिए विशेष अभियान है