छत्तीसगढ़ के साजा विकास खंड के अंतर्गत शासकीय प्राथमिक शाला अकोला में बच्चों ने हरियाली का पर्व बड़े ही घूमधाम से मनाया। हरेली उत्सव में सभी बच्चें व शिक्षक हरा रंग की वेशभूषा पहने। प्रधान पाठिका हिम कल्याणी सिन्हा बच्चों को बताया कि, हरियाली त्यौहार हमारे छत्तीसगढ़ का पहला त्यौहार है। हमारा यह हरेली का त्यौहार विकास और उन्नति का प्रतीक है।
हरेली त्यौहार को गेड़ी का त्यौहार भी कहा जाता है-
उल्लेखनीय है कि, हमारे छत्तीसगढ़ में हरेली त्यौहार का विशेष महत्व है। यह त्यौहार किसान कृषि और प्रकृति से जुड़ा हुआ होता है। यह वर्षा ऋतु के आगमन और नई फसल के स्वागत में सावन मास के अमावस्या के दिन मनाया जाता है। जो अक्सर जुलाई या अगस्त में आता है। इस दिन किसान भाई क़ृषि औजार की पूजा करते है। इस दिन यादव भाई घर-घर में नीम के टहनी लगाते है जिससे वातावरण शुद्ध होता है। इस दिन बच्चे गेड़ी चढ़कर बहुत आनंद लेते हैं। इसीलिए इस त्यौहार को गेड़ी का त्यौहार भी कहा जाता है।
स्कूल में बाल संसद का हुआ गठन
शिक्षिका हेमलता ठाकुर बच्चों कों नीम पेड़ के औषधि गुणों की जानकारी दी। इसके बाद शाला परिसर में बच्चें तुलसी, नीम, नीबू, आदि के पौधे लगाए। छत्तीसगढ़ी हरेली गीत में प्रस्तुति भी दिए। डाकवर ठाकुर बच्चों के साथ सहयोग किए। प्रधान पाठिका हिम कल्याणी सिन्हा ने सभी बच्चों कों जलेबी खिलाई हर्षो उल्लास के साथ हरेली त्यौहार मनाया गया। शाला में बाल संसद का गठन किया गया। जिसमें बच्चों कों विभिन्न पदों पर नियुक्त किए। जैसे डेगेश्वर साहू अध्यक्ष, खेमराज निर्मलकर उपाध्यक्ष, रुद्रप्रताप पर्यावरण मंत्री, लक्ष्मीकांत सुरक्षा एवं जनसम्पर्क मंत्री, तुलेश्वरी सेन खेल संस्कृति एवं खादय मंत्री, भुनेश्वरी स्वास्थ्य मंत्री, दुलेश्वरी शिक्षा मंत्री सभी बच्चों के मतानुसार नियुक्त किए।
सभी बच्चों का गुलाल लगाकर किया गया स्वागत
प्रधान पाठिका हिम कल्याणी सिन्हा बताती है कि, विद्यालय में बाल संसद के गठन से बच्चों में नेतृत्व क्षमता का विकास होता है। बच्चें हर कार्य कों जिम्मेदारी से पूर्ण करते है। बच्चें जिम्मेदारी निभाने के लिए संकल्प लिए हिम कल्याणी सिन्हा और शिक्षिका हेमलता ठाकुर सभी बच्चों का गुलाल लगाकर स्वागत किया। इस अवसर पर पंचराम निषाद, मीना यादव, मुन्नी यादव, प्रतिमा निषाद उपस्थित रहे।