रायपुर। राज्य सरकार ने खरीफ सीजन में खेती-किसानी को रफ्तार देने और ठोस डीएपी (DAP) खाद की संभावित कमी से निपटने के लिए एक बड़ा और प्रभावी कदम उठाया है। अब किसान पारंपरिक खाद की जगह तरल नैनो डीएपी (Nano DAP) का उपयोग कर रहे हैं, जिससे न सिर्फ उत्पादन में लाभ हो रहा है बल्कि प्रति एकड़ ₹75 की बचत भी हो रही है।
इफको कंपनी ने किया 3 लाख से अधिक बोतलों का भंडारण
राज्य शासन के निर्देश पर इफको (IFFCO) ने अब तक 3 लाख 5 हजार से अधिक नैनो डीएपी की बोतलों का भंडारण सुनिश्चित किया है।
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इनमें से 82,470 बोतलें डबल लॉक केंद्रों में,
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1,41,389 बोतलें प्राथमिक सहकारी समितियों में,
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और 48,000 बोतलें निजी विक्रेताओं के पास सुरक्षित हैं।
600 रुपए प्रति बोतल की दर से आधा लीटर की बोतल किसानों को उपलब्ध कराई जा रही है।
कम लागत, बेहतर पोषण: 25 किलो ठोस DAP + 0.5 लीटर नैनो DAP पर्याप्त
कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो धान की एक एकड़ फसल के लिए सामान्यतः 50 किलो ठोस डीएपी की जरूरत होती है। लेकिन अब उसका विकल्प है:
➡️ 25 किलो ठोस DAP + आधा लीटर नैनो DAP
यह संयोजन पोषण के लिहाज से एक बोरी ठोस डीएपी के बराबर होता है, पर लागत में करीब ₹75 की सीधी राहत मिलती है।
राज्य सरकार की सक्रियता: चौपाल से खेत तक जागरूकता अभियान
DAP की कमी को समय रहते पहचानते हुए राज्य सरकार ने किसानों के बीच नैनो डीएपी को लेकर जागरूकता फैलाने का अभियान तेज कर दिया है।
कृषि विभाग के मैदानी अमले, कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिक और प्रगतिशील किसान, गांव-गांव जाकर चौपालों और डेमो कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों को यह खाद इस्तेमाल करने के तरीके सिखा रहे हैं।
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चौपालों में लाइव डेमो दिए जा रहे हैं
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पोस्टर, बैनर और पंपलेट के जरिए नैनो DAP का प्रचार
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खेतों का भ्रमण कर रहे कृषि अधिकारी दे रहे व्यक्तिगत मार्गदर्शन
किसानों में दिख रहा भरोसा, तेजी से बढ़ रहा उपयोग
राज्य भर में नैनो डीएपी के उपयोग को लेकर किसानों में विश्वास तेजी से बढ़ा है। जो किसान पहले संदेह में थे, अब वे भी खेत में इसके परिणाम देखकर इसे अपनाने लगे हैं। सरकार की ओर से यह पहल खेती को न सिर्फ आसान बना रही है, बल्कि कम लागत में अधिक उत्पादन की दिशा में एक बड़ा कदम भी है।