रायपुर | ब्यूरो रिपोर्ट
छत्तीसगढ़ की राजनीति में बुधवार को कांग्रेस के चक्काजाम प्रदर्शन के दौरान एक नया विवाद सामने आया। पार्टी के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला और रायपुर शहर जिला अध्यक्ष गिरीश दुबे के बीच बहसबाज़ी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
इस वायरल क्लिप में दोनों नेताओं के बीच प्रदर्शन के समय को लेकर तीखी नोकझोंक होती दिखाई दे रही है। विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए दोनों नेताओं ने इसे एक “गलतफहमी” बताया, लेकिन मामला यहीं नहीं रुका।
राधिका खेड़ा ने खोला मोर्चा: ‘मेरे साथ हुआ था इससे भी बुरा व्यवहार’
पूर्व कांग्रेस प्रवक्ता और अब भाजपा में शामिल राधिका खेड़ा ने इस वीडियो को लेकर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा,
“शहर अध्यक्ष के साथ जैसा बर्ताव हुआ, उससे भी बदतर सलूक मेरे साथ हुआ था। यही उंगली, यही गाली-गलौज मैंने भी झेली है।”
खेड़ा ने आरोप लगाया कि 30 अप्रैल 2024 को कांग्रेस कार्यालय में सुशील आनंद शुक्ला ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया था और तब पूरी पार्टी चुप रही। उन्होंने कटाक्ष किया,
“भूपेश की पाठशाला के टॉपर को बचाने पूरी कांग्रेस पार्टी बंधक बन चुकी है।”
कांग्रेस का पलटवार: ‘झूठे और मनगढ़ंत हैं आरोप’
राधिका के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि खेड़ा के सभी बयान “झूठे, मनगढ़ंत और सुर्खियों में बने रहने की कोशिश” हैं।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा,
“जिन्हें दिल्ली चुनाव में केवल 2000 वोट मिले, उन्हें छत्तीसगढ़ की राजनीति पर कम और अपने राजनीतिक अस्तित्व पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।”
क्या था वीडियो में?
वायरल वीडियो के संबंध में शुक्ला और दुबे ने संयुक्त बयान में कहा कि
प्रदर्शन शुरू करने को लेकर टाइमिंग पर मतभेद था —
“सुशील चाहते थे प्रदर्शन समय पर शुरू हो, जबकि गिरीश बड़े नेताओं के पहुंचने का इंतज़ार कर रहे थे। बात बढ़ गई, लेकिन कोई गंभीर विवाद नहीं था।”