दिल्ली हाईकोर्ट में गुरुवार को 3 नए न्यायाधीशों ने शपथ ली। इससे दिल्ली हाईकोर्ट में कुल जजों की संख्या 43 पहुंच गई है। गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय ने जस्टिस विनोद कुमार, जस्टिस शैल जैन और जस्टिस मधु जैन को पद की शपथ दिलायी। हाईकोर्ट के परिसर में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया। बता दें कि इससे पहले 21 जुलाई को 6 नए न्यायाधीशों ने शपथ ली थी। बता दें कि हाईकोर्ट में सबसे ज्यादा 60 न्यायाधीशों को नियुक्त किए जा सकते हैं।
हालांकि अभी दिल्ली हाईकोर्ट में कुल न्यायाधीशों की संख्या 43 है। भारत के मुख्य न्यायाधीश भूषण आर. गवई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 1 और 2 जुलाई को न्यायिक अधिकारियों मधु जैन, शैल जैन और विनोद कुमार को हाईकोर्ट में नियुक्त करने की सिफारिश की थी। 22 जुलाई को केंद्र सरकार ने इस सिफारिश को स्वीकार कर लिया।
पहले कहां कार्यरत थे नए जस्टिस
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली हाईकोर्ट में न्यायाधीश की शपथ लेने वाले तीनों अधिकारी साल 1992 में दिल्ली न्यायिक सेवा में शामिल हुए थे। इससे पहले ये तीनों अधिकारी निचली अदालतों में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में कार्यरत थे। विनोद कुमार कड़कड़डूमा अदालत में, शैल जैन साकेत अदालत में और मधु जैन तीस हजारी अदालत में नियुक्त थे।
इन 6 जजों ने 21 जुलाई को ली थी शपथ
इससे पहले 21 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट में 6 नए न्यायाधीशों ने शपथ ली थी। इनमें जस्टिस वी. कामेश्वर राव, विवेक चौधरी, नितिन वासुदेव साम्ब्रे, अरुण कुमार मोंगा, अनिल क्षेत्रपाल और ओम प्रकाश शुक्ला शामिल हैं, जिन्होंने सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के रूप में शपथ ग्रहण किया। वहीं, गुरुवार को 3 और नए न्यायाधीशों की नियुक्ति के बाद हाईकोर्ट की क्षमता बढ़कर 71.66 फीसदी हो गई है। इससे सभी न्यायाधीशों पर मुकदमों का बोझ कम होने की उम्मीद है।