भारत की राजनीति में 25 जुलाई 2025 एक ऐतिहासिक तारीख बन गई है। इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के प्रधानमंत्री पद पर लगातार 4078 दिन पूरे कर लिए, जिससे उन्होंने इंदिरा गांधी को पीछे छोड़ दिया है। इंदिरा गांधी का कार्यकाल 4077 दिनों का था (1966 से 1977 तक)। इस उपलब्धि के साथ पीएम मोदी अब देश के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले दूसरे प्रधानमंत्री बन चुके हैं।
अब उनसे ऊपर सिर्फ पंडित जवाहरलाल नेहरू हैं, जिन्होंने भारत के पहले प्रधानमंत्री के रूप में 16 साल 286 दिन तक देश का नेतृत्व किया था।
तीसरी बार लगातार सत्ता में लौटे मोदी
प्रधानमंत्री मोदी की यह सफलता सिर्फ समय की गणना नहीं है, बल्कि उनके नेतृत्व की स्थिरता, रणनीतिक कुशलता और जनआधार की गहराई को दर्शाती है। 2014 में पहली बार प्रधानमंत्री बनने के बाद, उन्होंने 2019 में और फिर हाल ही में 2024 में हुए लोकसभा चुनावों में भी भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत दिलाया।
इस तरह नरेंद्र मोदी आज़ादी के बाद पैदा हुए पहले ऐसे नेता हैं जिन्होंने तीन बार लगातार देश का नेतृत्व किया।
साथ ही, वह पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री भी हैं जिन्होंने दो पूर्ण कार्यकाल सफलता पूर्वक पूरे किए और तीसरे कार्यकाल की शुरुआत की।
6 बड़े चुनावों में लगातार जीत का रिकॉर्ड
नरेंद्र मोदी का राजनीतिक सफर 2001 में शुरू हुआ जब वह पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने। उन्होंने 2002, 2007 और 2012 में राज्य विधानसभा चुनावों में भाजपा को जीत दिलाई। इसके बाद 2014 में दिल्ली की सत्ता संभाली और फिर 2019 व 2024 में भी भाजपा को लगातार दो बार सत्ता में लौटाया।
इस तरह उन्होंने लगातार छह बड़े चुनावों में पार्टी को जीत दिलाई — तीन बार गुजरात और तीन बार केंद्र में। यह किसी भी भारतीय नेता के लिए अभूतपूर्व है और उनके राजनीतिक प्रबंधन, जनसंपर्क कौशल और जमीनी पकड़ का प्रमाण है।
क्यों खास है यह रिकॉर्ड?
इंदिरा गांधी जैसी दमदार नेता को पीछे छोड़ना कोई मामूली उपलब्धि नहीं है। 1970 के दशक में आपातकाल से लेकर बैंकों के राष्ट्रीयकरण तक, इंदिरा गांधी का कार्यकाल भारत के राजनीतिक इतिहास में बेहद प्रभावशाली और निर्णायक रहा है।
उन्हें पीछे छोड़कर नरेंद्र मोदी का यह रिकॉर्ड दर्शाता है कि जनता ने दो दशक तक उनके नेतृत्व को निरंतर समर्थन दिया है — वह भी एक बेहद तेजी से बदलते मीडिया, सोशल मीडिया और राजनीतिक दबावों वाले युग में।
देश और दुनिया में मोदी की छवि
मोदी सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विश्व राजनीति में भी एक महत्वपूर्ण चेहरा बन चुके हैं। चाहे वह डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्वच्छ भारत मिशन हो या आत्मनिर्भर भारत, उनके द्वारा चलाए गए कार्यक्रमों ने भारत की वैश्विक छवि को मजबूती दी है।
उनकी कूटनीतिक पहलों ने भारत को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर और भी अधिक सम्मान दिलाया है — जैसे कि G20 की अध्यक्षता, क्वाड समूह में सक्रिय भागीदारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच संतुलित रुख।
मालदीव में भी बनी ऐतिहासिक उपस्थिति
जब यह ऐतिहासिक रिकॉर्ड बना, प्रधानमंत्री मोदी मालदीव में थे। वह 26 जुलाई को मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग ले रहे हैं। यह भारत-मालदीव के बीच द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती का भी प्रतीक है।
क्या नेहरू का रिकॉर्ड तोड़ पाएंगे मोदी?
अब सवाल यह है कि क्या पीएम मोदी पंडित नेहरू का 16 साल 286 दिन का रिकॉर्ड भी तोड़ पाएंगे?
इसके लिए उन्हें 2030 तक सत्ता में बने रहना होगा, यानी मौजूदा कार्यकाल को न केवल पूरा करना होगा बल्कि 2029 में फिर से सत्ता में लौटना होगा।
यदि मोदी 2029 में लगातार चौथी बार जीतते हैं, तो यह न केवल नेहरू का रिकॉर्ड तोड़ेगा बल्कि भारत के लोकतंत्र में एक नया अध्याय जोड़ेगा।