रायपुर। छत्तीसगढ़ में मानसून ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। लगातार तेज़ बारिश के चलते राज्य के कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। नदी-नाले उफान पर हैं, सड़कें जलमग्न हैं और डैमों का जलस्तर खतरे के निशान को पार करने लगा है। प्रशासन हाई अलर्ट मोड पर है, लेकिन कई जगहों पर हालात बेकाबू होते नज़र आ रहे हैं।
बालोद में दर्दनाक हादसा: तांदुला नदी में युवक बहा, SDRF की टीम तलाश में जुटी
बालोद जिले के गुंडरदेही से लगे तांदुला नदी में एक युवक बह गया, जो अब तक लापता है। मिली जानकारी के अनुसार, यह घटना मंगलवार शाम करीब 5 बजे की है। महावीर मुक्तिधाम के पास कुछ युवक जुआ खेल रहे थे। इस दौरान पुलिस की दबिश पड़ी, तो घबराकर तीन युवकों ने नदी में छलांग लगा दी। इनमें से दो किसी तरह तैरकर बाहर आ गए, लेकिन तीसरा युवक नदी की तेज धार में बह गया।
लापता युवक की पहचान दुर्गेश सोनकर (30 वर्ष), निवासी गुंडरदेही के रूप में हुई है। घटना की सूचना मिलते ही दुर्ग और बालोद जिले की SDRF टीम और स्थानीय गोताखोर मौके पर पहुंच गए और युवक की तलाश शुरू कर दी गई है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि उफनती नदियों के आसपास न जाएं और सुरक्षा निर्देशों का पालन करें।
सरगुज़ा में घुनघुट्टा डैम के खुले सभी गेट, गांवों में अलर्ट जारी
वहीं उत्तर छत्तीसगढ़ के सरगुज़ा जिले में स्थित घुनघुट्टा डैम में जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। डैम ओवरफ्लो होने की स्थिति में पहुंच गया, जिसके चलते प्रशासन ने इसके सभी गेट खोल दिए हैं। इससे आसपास के इलाकों में बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है। प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले ग्रामीणों को सतर्क रहने और ऊंचाई वाले स्थानों पर जाने की अपील की है।
कवर्धा में ग्रामीणों की जान जोखिम में, नदी पार करने को मजबूर
कवर्धा जिले में हालात और भी चिंताजनक हैं। कई गांवों को जोड़ने वाली सड़कें पानी में डूब गई हैं। ऐसे में ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर उफनती नदियों को पार करना पड़ रहा है। न तो पुलों की कोई वैकल्पिक व्यवस्था है और न ही रेस्क्यू के पर्याप्त साधन। बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं घंटों तक नदी किनारे फंसे रहते हैं।
बलौदाबाजार में सरकारी दफ्तरों में भरा पानी, कामकाज ठप
बलौदाबाजार जिले में लगातार हो रही झमाझम बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। सरकारी दफ्तरों, स्कूलों और अस्पतालों में पानी भर गया है। कई तहसील और ब्लॉक कार्यालयों में कर्मचारी घुटनों तक पानी में फंसे नजर आए। सामान्य कामकाज प्रभावित हो गया है और लोगों को जरूरी सेवाओं के लिए भी मशक्कत करनी पड़ रही है।
प्रशासन अलर्ट, लेकिन कई जगह संसाधन नाकाफी
राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने सभी संवेदनशील इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया है। NDRF, SDRF और होमगार्ड्स की टीमें तैनात की जा रही हैं, लेकिन ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में पहुंचना अब भी चुनौती बना हुआ है। स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी गई है और आपात सेवाओं को सक्रिय किया गया है।
जनता से अपील: बारिश के दौरान सतर्क रहें, जोखिम न लें
प्रशासन की ओर से जनता से अपील की गई है कि कोई भी व्यक्ति उफनती नदियों, पुलों और जलमग्न रास्तों से दूर रहे। विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों को ऐसे स्थानों पर जाने से रोका जाए। तेज बारिश की स्थिति में तुरंत नजदीकी राहत केंद्रों या सुरक्षित स्थानों पर जाएं।