छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट रायपुर सेंट्रल जेल पहुंचकर चैतन्य बघेल से मुलाकात की। जेल से बाहर निकलकर मीडिया से कहा कि भाजपा के खिलाफ बोलने वालों पर ED के छापे पड़ रहे हैं। बिना नोटिस और समन भेजे ही कार्रवाई की जा रही है। एजेंसियों का उपयोग सिर्फ विरोधियों की आवाज दबाने के लिए किया जा रहा है।
पायलट ने आगे कहा कि पिछले 10 साल में किसी भाजपा नेता के यहां छापा नहीं पड़ा, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने हसदेव और तमनार में जंगल काटे जाने का विरोध किया। इसलिए कांग्रेसियों को टारगेट किया जा रहा है।
वहीं पायलट के दौरे पर भाजपा विधायक पुरंदर मिश्रा ने तंज कसा है। उनके मुताबिक दिल्ली में पप्पू और छत्तीसगढ़ में बिट्टू यही कांग्रेस की राजनीति बची है। कांग्रेस केवल परिवार तक सिमट गई है।
4 अगस्त तक रिमांड पर चैतन्य बघेल
आपको बता दें कि, छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को ED ने 22 जुलाई को रायपुर की स्पेशल कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की ज्यूडिशियल रिमांड पर 4 अगस्त तक रायपुर जेल भेज दिया है। इससे पहले ED ने चैतन्य से 5 दिन तक पूछताछ की थी।
सही जवाब नहीं मिलने पर कस्टडी में
ED के वकील सौरभ पांडेय ने कहा कि एविडेंस के मुताबिक शराब घोटाले से चैतन्य बघेल के तार जुड़े हुए हैं। इसी आधार पर उनके घर पर छापेमारी की गई। पूछताछ में चैतन्य से सही जवाब नहीं मिले। जांच के लिए कस्टडी की आवश्यकता थी, जिसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत गिरफ्तारी की गई है। अगर कोई आरोप लगा रहा है तो वह उचित नहीं है।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने 21 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय (ED) को फटकार लगाते हुए कहा कि, राजनीतिक लड़ाइयां चुनाव में लड़ी जानी चाहिए, जांच एजेंसियों के जरिए नहीं। ED का इस तरह इस्तेमाल क्यों हो रहा है?
अब जानिए ED ने चैतन्य पर क्या आरोप लगाए हैं?
ED के अनुसार, लीकर स्कैम में पूछताछ में शराब कारोबारी लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ पप्पू ने EOW को बयान दिया था कि, उसने और चैतन्य बघेल ने मिलकर 1000 करोड़ से ज्यादा घोटाले की रकम को हैंडल किया। यह कैश अनवर ढेबर ने दीपेन चावड़ा को पहुंचाया। यह पैसा बाद में राम गोपाल अग्रवाल को दिया गया।
इसकी व्यवस्था चैतन्य बघेल के साथ मिलकर की गई और उसी के कहने पर 1000 करोड़ में से 100 करोड़ नगद केके श्रीवास्तव को दिया गया। पप्पू बंसल ने पूछताछ में ये भी स्वीकार किया है कि शराब घोटाले से उसे 3 महीने में 136 करोड़ रुपए मिले हैं। अनवर ढेबर और नीतेश पुरोहित के बीच चैट में हुई बातचीत में इसकी जानकारी है।
अब जानिए ED के आरोप और गिरफ्तारी पर क्या बोले बचाव पक्ष के वकील ?
बचाव पक्ष के वकील फैजल रिजवी ने बताया कि पहला मामला ज्वेलर्स से जुड़े 5 करोड़ रुपए के लोन का है, जिस पर ED ने कहा कि यह बिना ब्याज का संदिग्ध लोन है। इसके जवाब में हमने स्पष्ट किया कि यह लोन 2019 में लिया गया था।
अब तक करीब 2.21 करोड़ रुपए ब्याज के रूप में चुकाए जा चुके हैं। यह जानकारी फरवरी 2025 में ज्वेलर्स के प्रोपराइटर द्वारा दस्तावेजों सहित ED को दी जा चुकी थी, बावजूद इसके जांच एजेंसी ने कोर्ट के समक्ष भ्रामक तथ्य पेश किए।
फैजल रिजवी ने बताया कि दूसरा मामला त्रिलोक सिंह ढिल्लन को 5 करोड़ रुपए में बेचे गए फ्लैट से जुड़ा है, जिसमें ढिल्लन पहले ही जेल में रहते हुए यह स्पष्ट कर चुके हैं कि उनके पास यह राशि कहां से आई। ED ने उनके जवाबों से संतुष्टि जताई थी, इसीलिए चैतन्य बघेल से इस संबंध में कोई पूछताछ नहीं की गई थी।