कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट ने शनिवार को रायपुर सेंट्रल जेल पहुंचकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल से मुलाकात की। मुलाकात के बाद पायलट ने मीडिया से कहा कि भाजपा के खिलाफ बोलने वालों पर ईडी के छापे पड़ रहे हैं।
बिना नोटिस और समन भेजे ही कार्रवाई की जा रही है। एजेंसियों का उपयोग सिर्फ विरोधियों की आवाज दबाने के लिए किया जा रहा है। वहीं पायलट के दौरे पर भाजपा विधायक पुरंदर मिश्रा ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में पप्पू और छत्तीसगढ़ में बिट्टू यही कांग्रेस की राजनीति बची है। कांग्रेस केवल परिवार तक सिमट गई है।
10 साल में किसी भाजपा नेता पर छापा नहीं पड़ा सचिन पायलट ने कहा कि पिछले 10 साल में किसी भाजपा नेता के यहां छापा नहीं पड़ा। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने हसदेव और तमनार में जंगल काटे जाने का विरोध किया। इसलिए कांग्रेसियों को टारगेट किया जा रहा है। भाजपा की केंद्र और राज्य सरकार अपने विरोधियों को लगातार डरा और धमका रही है।
हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। लेकिन बिना समन और वारंट दिए गिरफ्तार और मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। चाहे वे देवेंद्र यादव हों, कवासी लखमा हो या भूपेश बघेल के पुत्र हों। ईडी के माध्यम से सोनिया और राहुल को आरोपी साबित करने की कोशिश हो रही है। लेकिन कांग्रेस के नेता डरने वाले नहीं है।
हम इसके खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे। हमारी पार्टी इस बात को समझ चुकी है कि चाहे मोदी की सरकार हो या प्रदेश की सरकार हो, उनका एक मात्र उद्देश्य यह है कि कैसे अपने वैचारिक विरोधियों का मनोबल गिराया जाए। उनपर छापे डाले जाएं। उन पर केस दर्ज किया जाए और चरित्र को धूमिल किया जाए। पायलट ने कहा कि बघेल हों, कवासी हों या उनके रिश्तेदार हों। हम सब परिवार के सदस्य हैं।
कांग्रेस परिवारवाद तक ही सिमट कर रह गई है: पुरंदर भाजपा विधायक पुरंदर मिश्रा ने पायलट पर तंज कसते हुए कहा कि दिल्ली में पप्पू और छत्तीसगढ़ में बिट्टू, क्या उनकी अब यही राजनीति बची है? सचिन छत्तीसगढ़ आकर क्या यही बताना चाहते हैं कि कांग्रेस परिवारवाद में ही सिमटकर रह गई है? कांग्रेस देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी का दावा करती है।
लेकिन वह वैचारिक रूप से दिवालिया हो चुकी है। 1000 करोड़ रुपए की हेराफेरी करने के मामले में भूपेश बघेल के गिरफ्तार बेटे को बचाने के लिए कांग्रेस ने आर्थिक नाकाबंदी की कोशिश की। वह भी तब जबकि भूपेश का बेटा कांग्रेस का पदाधिकारी तक नहीं हैं। कांग्रेस की आर्थिक नाकाबंदी आंदोलन को देश, प्रदेश और जनता के हित से कोई लेना-देना नहीं था।
यह सिर्फ एक सियासी ड्रामा भर रहा। अगर कांग्रेस के नेता सत्ता में रहते अपने-अपने घरों में आर्थिक नाकाबंदी कर लेते तो यह समस्या आती ही नहीं। कांग्रेस ने दैनिक मजदूरों को लाकर आर्थिक नाकाबंदी की, लेकिन उनका पेमेंट तक नहीं किया।
भूपेश के शासनकाल में भी उनके पिता नंदकुमार बघेल गए थे जेल: अमित
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष अमित जोगी ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा अपने परिवार के सदस्यों को जेल भेजने को सरकारों के पतन से जोड़ना ठीक बात नहीं है। भूपेश के मुख्यमंत्रित्व काल में भी उनके पिता नंदकुमार बघेल को जेल हुई थी।
इस पर उन्होंने कभी कोई सवाल नहीं उठाया। जोगी ने कहा कि राजनीति में व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप की बजाय विकास और जनहित के मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए। स्वर्गीय नंदकुमार बघेल के मामले में तत्कालीन जोगी सरकार का निर्णय सामाजिक समरसता और मंत्रिमंडल की सहमति पर आधारित था। तब भूपेश भी मंत्रिमंडल के हिस्सा थे।