रायपुर।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में रविवार को आयोजित राज्य स्तरीय हिंदू राष्ट्र अधिवेशन एक अहम राजनीतिक और सांस्कृतिक संदेश का मंच बन गया, जहां मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सरकार की सनातन समर्थक नीतियों का दमदार खाका पेश किया। रायपुर के शदाणी दरबार परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में सीएम के साथ भाजपा नेता प्रताप जूदेव और हिन्दू जनजागृति समिति के कई कार्यकर्ता व पदाधिकारी भी मौजूद रहे।
️ सीएम का बड़ा ऐलान: धर्मांतरण पर बनेगा कानून
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मंच से ऐलान करते हुए कहा कि राज्य सरकार आगामी विधानसभा सत्र में धर्मांतरण के खिलाफ सख्त विधेयक लेकर आएगी। उन्होंने कहा कि “राज्य में जबरन या लालच देकर धर्मांतरण की घटनाएं सनातन संस्कृति पर चोट हैं, और हमारी सरकार इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।”
48 मंदिरों के जीर्णोद्धार को मिली स्वीकृति
सीएम साय ने यह भी बताया कि प्रदेश सरकार धार्मिक धरोहरों के संरक्षण को प्राथमिकता दे रही है। अब तक 48 मंदिरों के जीर्णोद्धार को स्वीकृति दी जा चुकी है, और आने वाले समय में यह अभियान और तेज होगा।
गौ-रक्षा और गौ-संवर्धन पर विशेष फोकस
गौ-सेवा और गौ-संवर्धन को लेकर सरकार की नीतियों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में गौशालाओं के अनुदान में बढ़ोतरी की गई है, ताकि बेसहारा मवेशियों को सुरक्षित रखा जा सके। साथ ही, सड़कों पर मवेशियों की समस्या को लेकर भी प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं।
राजिम कुंभ की वापसी: सनातन परंपरा को फिर से जीवंत करने की पहल
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान राजिम कुंभ को फिर से आरंभ कर दिया गया है, जो कि सनातन परंपरा की ऐतिहासिक विरासत का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार भारत की आत्मा, सनातन संस्कृति को पुनर्जीवित करने में जुटी है।”
कार्यक्रम में शामिल हुए प्रमुख चेहरे
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भाजपा नेता प्रताप जूदेव, जो लंबे समय से धर्मांतरण विरोधी मुहिम के प्रतिनिधि रहे हैं।
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हिंदू जनजागृति समिति के कार्यकर्ता, जिन्होंने इस आयोजन की रूपरेखा तैयार की।
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प्रदेश भर से जुटे हिंदू संगठनों और संत समाज के प्रतिनिधि, जिन्होंने सरकार की घोषणाओं का समर्थन किया।