भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर टेस्ट ड्रॉ कराकर सीरीज को जिंदा रखा। मैच के पांचवें दिन केएल राहुल और शुभमन गिल के आउट होने के बाद ऐसा लग रहा था कि इंग्लैंड हावी हो जाएगा लेकिन युवा ऑलराउंडर वॉशिंग्टन सुंदर और रवींद्र जडेजा ने ऐसा खूंटा गाड़ा कि इंग्लैंड को खुद मैच ड्रॉ कराने के लिए आगे आना पड़ा।
भारत के लिए इस ड्रॉ में भी मनोवैज्ञानिक जीत है। मैच के बाद सुंदर ने कहा कि पहला शतक काफी खास है। ऐसा इसलिए क्योंकि आखिरी सुबह मैदान पर उतरने से पहले कोच गौतम गंभीर ने साफ संदेश दिया था कि पूरे दिन लड़ना है और देश के लिए ऐसा करते हुए शतक बनाना किसी भी सूरत में खास ही रहेगा।
सुंदर ने पहला टेस्ट शतक ठोका
पहली बार पाँचवें नंबर पर बल्लेबाज़ी कर रहे सुंदर ने धैर्य और संयम के साथ बल्लेबाजी की और रवींद्र जडेजा (107*) के साथ पाँचवें विकेट के लिए 203 रन की साझेदारी में 101* रनों की पारी खेली। दोनों ने ओल्ड ट्रैफर्ड में 55 से ज़्यादा ओवर तक बल्लेबाज़ी की और इंग्लैंड को जीत से दूर रखा और ओवल में होने वाले निर्णायक मैच से पहले सीरीज़ को ज़िंदा रखा।
गंभीर ने पूरे दिन लड़ने का मंत्र दिया: सुंदर
सुंदर ने जियो हॉटस्टार पर चेतेश्वर पुजारा से बातचीत में कहा, ये टेस्ट शतक बहुत ख़ास है। मैं पूरे दिन लड़ना चाहता था और कोच (गंभीर) ने मुझे यही एकमात्र संदेश दिया था।’
मैनचेस्टर में सुंदर ने गाबा वाला काम किया। दरअसल, वॉशिंगटन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2021 के ब्रिसबेन टेस्ट (गाबा) में डेब्यू किया था। ऑस्ट्रेलिया के 369 रन के जवाब में भारत का स्कोर एक समय 6 विकेट पर 186 रन था। यहां से सुंदर ने शार्दुल ठाकुर के साथ मिलकर 7वें विकेट के लिए 123 रन जोड़ते हुए भारत को 300 रन के पार पहुंचा दिया। सुंदर ने 62 रन की पारी खेली थी। इसके बाद 328 रन का पीछा करने के दौरान भी सुदंर ने 22 रन बनाए थे और भारत ये मुकाबला 3 विकेट से जीता था।
‘मौका मिले तो ऊपर खेलना चाहूंगा’
अपने जूनियर दिनों में शीर्ष क्रम के बल्लेबाज़ रहे सुंदर ने ऊपरी क्रम में योगदान देने के अवसर का भरपूर आनंद लिया। उन्होंने कहा, ‘मैं वैसे भी पाँचवें नंबर पर बल्लेबाज़ी करने वाला था। मुझे दो सत्रों के लिए पैड पहनना पड़ा। मुझे बहुत खुशी है कि मुझे यह अवसर मिला। अगर मैं भविष्य में ऊपरी क्रम में बल्लेबाज़ी कर पाया, तो यह मेरे लिए वरदान होगा।’
जडेजा के साथ अपनी साझेदारी के बारे में, सुंदर ने कहा कि उनका ध्यान टिके रहने था। उन्होंने कहा कि हम दोनों हर गेंद को मेरिट के हिसाब से खेलना चाहते थे। विकेट थोड़ा खराब हो रहा था। साझेदारी बनाना महत्वपूर्ण था। पहला काम नई गेंद को आउट करना था। हम नतीजे के बारे में सोचना छोड़कर हर गेंद पर ध्यान केंद्रित करना चाहते थे।
पहली पारी में 311 रनों की बढ़त गंवाने के बाद 0/2 पर लड़खड़ाते हुए भारत ने दूसरी पारी में 425/4 का स्कोर बनाया, जिसमें शुभमन गिल, जडेजा और सुंदर के शतकों ने मैच ड्रॉ करा दिया। आखिरी टेस्ट 31 जुलाई से ओवल में शुरू होगा।