रायपुर में हॉस्टल वार्डन की नौकरी के नाम पर 20 लाख की ठगी: मंत्रालय के चपरासी ने खुद को बताया क्लर्क

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रायपुर में हॉस्टल वार्डन की नौकरी लगवाने के बहाने ठगी की गई है। मंत्रालय के संविदा चपरासी ने खुद को क्लर्क बताकर साढ़े 20 लाख रुपए वसूल कर लिए। आरोपी ने पीड़ित युवकों से कहा कि, उसके अधिकारियों तक पहुंच है नौकरी कन्फर्म हो जाएगी। इस मामले में शिकायत मिलने के बाद पुलिस जांच में जुट गई है। यह पूरा मामला टिकरापारा थाना क्षेत्र का है।

टिकरापारा थाना प्रभारी विनय सिंह ने बताया कि जनक कुमार साहू निवासी भाठागांव रायपुर ने शिकायत दर्ज करवाई है। जिसमें बताया कि 2 साल पहले अक्टूबर 2023 में उसकी मुलाकात दधीबल सिंह उर्फ डेविड तिग्गा से हुईं थी। डेविड ने उसे कहा कि वह इंद्रावती भवन मंत्रालय में क्लर्क के पद पर है। उसका बड़े-बड़े अधिकारियों से जान पहचान है। वह सरकारी नौकरी लगवाता है।

इस मामले में पुलिस अब आगे की जांच पड़ताल कर रही है।

इस मामले में पुलिस अब आगे की जांच पड़ताल कर रही है।

आदिम जाति विभाग में निकली थी भर्ती

उस दौरान आदिम जाति अनुसूचित विभाग ने हॉस्टल वार्डन के लिए 300 पदों में भर्ती निकली थी। डेविड ने जनक से कहा कि वह हॉस्टल वार्डन की नौकरी लगवा देगा। इसके बदले 11 लाख रुपए लगेंगे। जनक ने अपने एक दोस्त संजय चौहान की भी नौकरी लगवाने की बात की। सौदा 20 लाख 50 हजार में तय हुआ। जिसमें डेविड ने कहा कि नौकरी कन्फर्म हो जाएगी।

बैंक के माध्यम से दिए रुपए

नौकरी पाने के लालच में जनक और संजय ने बैंक खातों के माध्यम से डेविड के अकाउंट में रुपए भेज दिए। इसके बाद आरोपी डेविड ने कहा कि हॉस्टल वार्डन का फॉर्म भर दो और अपना एडमिट कार्ड वॉट्सऐप पर भेजने के लिए कहा। दिसंबर 2024 में छात्रावास अधीक्षक का रिजल्ट आया तब दोनों का का नाम नहीं था। उन्होंने डेविड से बात की तो वह टालमटोल करने लगा।

इस बीच आरोपी ने एक 10 लाख का चेक भी दिया जो फर्जी था। पीड़ित को ठगी का एहसास हो गया। उसने दधीबल सिंह उर्फ डेविड तिग्गा के खिलाफ टिकरापारा थाने में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करवाई है। इस मामले में पुलिस अब आगे की जांच कर रही है।

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