शहीदों के परिजनों को शॉल एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर किया सम्मानित….
उत्तर बस्तर कांकेर : सशस्त्र सेना झण्डा दिवस और विजय दिवस का आयोजन कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला की अध्यक्षता में आज किया गया। कलेक्टर द्वारा सेना मैडल शहीद श्री गणेश राम की माता श्रीमती जागेश्वरी बाई, शहीद सूबेदार मेजर श्री हरिराम तारम की पत्नी श्रीमती कुंती तारम और शहीद नायक श्री मोती राम की शहादत को याद करते हुए उनकी पत्नी श्रीमती पद्मावती को शॉल और प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर उपस्थित सभी पूर्व सैनिकों एवं शहीद जवानों के परिजनों को सम्बोधित करते हुए कलेक्टर ने कहा कि सैनिक अपने घर-परिवार की परवाह न करते हुए पूरे देश की सुरक्षा के लिए दिन-रात मोर्चे पर डंटे रहते हैं, उनके सजग रहने के चलते ही हम अपने घरों में चैन की नींद सोते हैं। उन्होंने सैनिकों को सभी के लिए प्रेरणा बताते हुए सबके प्रति आभार प्रकट किया।
कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आज दोपहर को आयोजित कार्यक्रम में कलेक्टर ने सशस्त्र सेना झण्डा दिवस में राशि देने वाले एसपी श्री दिव्यांग पटेल, जिला पंचायत सीईओ श्री सुमित अग्रवाल और खनिज अधिकारी श्री बी.के. चन्द्राकर को प्रतीक-चिन्ह देकर सम्मानित किया। साथ ही उन्होंने 1971 के युद्ध में भाग लेने वाले जिले के भूतपूर्व सैनिक सूबेदार श्री हेमंत कुमार सिंह और नायक श्री प्यारे लाल को शॉल देकर सम्मानित किया गया।
इसके पहले, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कैप्टन (भा.नौ.) तथा संजय शुक्ला एन.एम. (से.नि.) ने बताया कि हमारी सशस्त्र सेनाएं हमारे देश की रक्षा कठिन परिस्थितियों में करती हैं। देश की रक्षा करते हुए बहुत से जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया या घायल हुए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि भारत सरकार वीर नारियों, घायल सैनिकों तथा उनके परिजनों की सहायता के लिए 07 दिसम्बर को सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाती है। इसी तरह भारत-पाकिस्तान युद्ध में जीत के रूप में प्रतिवर्ष 16 दिसम्बर को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। संकलित राशि का उपयोग युद्ध में शहीद सैनिक के परिजन और यु़द्ध में अपाहिज हुए सैनिकों के कल्याणार्थ किया जाता है। इस मद में कोई भी व्यक्ति अपनी स्वेच्छा से राशि जमा कर युद्ध के मैदान में अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों के परिजनों के कल्याण में भागीदार हो सकता है। इस अवसर पर उपस्थित कलेक्टर, सीईओ एवं सभी सैनिकों ने विभिन्न मोर्चों में शहीद होने वाले सैनिकों के लिए मौन धारण उन्हें श्रद्धांजलि दी।