कृष्ण कुमार यादव, सूरजपुर। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में आबकारी आरक्षक भर्ती परीक्षा के दौरान हिंदू परीक्षार्थियों के हाथों से कलावा जबरन उतरवाने की घटना सामने आई है। यह मामला सामने आने के बाद हिंदू संगठनों में तीव्र आक्रोश देखने को मिल रहा है। संगठनों ने धार्मिक भावनाएं आहत होने का आरोप लगाते हुए प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
घटना 27 जून की, कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश
यह विवादित घटना 27 जून को शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परीक्षा केंद्र की बताई जा रही है। घटना की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर एस. जयवर्धन ने चार सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। इस समिति की अध्यक्षता सूरजपुर एसडीएम कर रहे हैं, जो घटना की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
धार्मिक प्रतीक को बताया गया निशाना, आरोप गंभीर
हिंदू संगठनों का आरोप है कि परीक्षा में शामिल हिंदू छात्राओं और छात्रों के हाथों में बंधा ‘कलावा’ (मौली) परीक्षा केंद्र के केंद्राध्यक्ष और ड्यूटी पर तैनात आरक्षकों द्वारा जबरन काटा गया, और उन्हें जूतों-चप्पलों में फेंक दिया गया।
इस कार्रवाई को सनातन परंपरा और धार्मिक आस्था का अपमान करार दिया गया है।
जिन पर आरोप लगाए गए हैं:
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केंद्राध्यक्ष: अन्नु दुबे
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आरक्षक: घनश्याम सिंह
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आरक्षक: रामेश्वर देवांगन
हिंदू संगठनों का विरोध प्रदर्शन, 72 घंटे का अल्टीमेटम
घटना के विरोध में विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और अन्य हिंदू संगठनों ने परीक्षा केंद्र के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। उन्होंने प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया है।
संगठनों ने कहा है कि यदि दोषियों पर निलंबन जैसी ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो वे चरणबद्ध उग्र आंदोलन शुरू करने को विवश होंगे।
प्रशासन की अपील: जांच पूरी होने तक धैर्य बनाए रखें
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, जांच समिति को तथ्यों के आधार पर निष्पक्ष रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। जिला प्रशासन ने सभी पक्षों से शांति और सहयोग की अपील की है ताकि कानून व्यवस्था बनी रहे और किसी भी निष्कर्ष पर तथ्यपूर्ण आधार पर ही पहुंचा जा सके।