रेत अब सरकार की मुट्ठी में: छत्तीसगढ़ में नई रेत खनन नीति से रुकेगा अवैध कारोबार, बढ़ेगी पारदर्शिता

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एमएसटीसी के माध्यम से होगी ऑनलाइन नीलामी, सरकार को 100 करोड़ से अधिक की आमदनी का अनुमान

रायपुर।
छत्तीसगढ़ सरकार ने रेत खनन से जुड़ी अनियमितताओं और अवैध खनन पर लगाम कसने के लिए नई रेत खनन नीति 2025 का ऐलान किया है। इस नीति के तहत राज्य की सभी रेत खदानों की एमएसटीसी (MSTC) के माध्यम से पूरी तरह ऑनलाइन और पारदर्शी तरीके से नीलामी की जाएगी। सरकार का दावा है कि इस नई व्यवस्था से पारदर्शिता सुनिश्चित होगी और अवैध खनन पर रोक लगेगी।

नई नीति से मिलेगा बड़ा राजस्व
सरकार को उम्मीद है कि इस नई व्यवस्था से 100 करोड़ रुपए से अधिक का वार्षिक राजस्व प्राप्त होगा। इससे राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूती मिलेगी और स्थानीय संसाधनों का समुचित उपयोग हो सकेगा।

पुरानी व्यवस्था में रही अव्यवस्था
वर्ष 2019 से अब तक रेत खदानों का संचालन ठेका और ग्राम पंचायतों के माध्यम से किया जा रहा था। 2023 में नीति में संशोधन कर निविदा प्रणाली के ज़रिए रेत खदानों का आबंटन शुरू किया गया था, जिसमें ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से नीलामी की जाती थी। लेकिन इससे कई बार पारदर्शिता पर सवाल उठते रहे।

अब क्या बदलेगा?
नई नीति 2025 के लागू होते ही राज्य की सभी रेत खदानें केवल ऑनलाइन मोड से ही नीलाम की जाएंगी। इसके लिए भारत सरकार की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एमएसटीसी लिमिटेड को माध्यम बनाया गया है, जिससे भ्रष्टाचार और दलाली की संभावना न के बराबर रह जाएगी।

पर्यावरण और स्थानीय हितों का भी ध्यान
राज्य सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि नई नीति में पर्यावरणीय मानकों और नदी पारिस्थितिकी का विशेष ध्यान रखा जाएगा। इसके साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे और पंचायतों के हितों की भी अनदेखी नहीं होगी।

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