अवैध रेत खनन पर बड़ी कार्रवाई: विभाग ने माफियाओं पर कसा शिकंजा, 5 ट्रैक्टर ट्रॉली रेत जब्त

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छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में खनिज विभाग ने अवैध रेत उत्खनन और परिवहन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए पांच ट्रैक्टर ट्रॉली जब्त की हैं। साथ ही, करीब 700 घनमीटर रेत का अवैध भंडारण भी उजागर हुआ है। यह कार्रवाई जिले के जोगीपुर, आमागोहन और नगोई इलाकों में एक साथ की गई।

जब्त किए गए सभी वाहन रतनपुर और बेलगहना पुलिस की निगरानी में रखे गए हैं। बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई खनिज विभाग को लगातार मिल रही शिकायतों के आधार पर की गई।


रेत माफियाओं के नेटवर्क का खुलासा, विभाग की सख्ती

खनिज विभाग की इस कार्रवाई ने रेत माफियाओं के संगठित नेटवर्क की पोल खोल दी है। जानकारी के अनुसार, जांजगीर-चांपा जिले के हसदेव और महानदी नदी घाटों से रेत का बड़े पैमाने पर अवैध उत्खनन किया जा रहा है, जिसे फिर बिलासपुर, मुंगेली और आसपास के जिलों में ऊंची कीमतों पर बेचा जा रहा है।

राजनीतिक संरक्षण में फल-फूल रहा अवैध कारोबार

इस बार रेत घाटों की नीलामी न होने के कारण, कई घाट राजनीतिक संरक्षण प्राप्त बाहुबली व्यक्तियों द्वारा संचालित किए जा रहे हैं। इन माफियाओं द्वारा रात के अंधेरे में भारी मशीनों से रेत निकाली जाती है और फिर हाईवा व बड़े वाहनों के जरिए ट्रांसपोर्ट की जाती है।

शासन को हो रहा करोड़ों का नुकसान

विशेषज्ञों के अनुसार, इस अवैध रेत कारोबार से राज्य शासन को करोड़ों रुपये का राजस्व नुकसान हो रहा है। खासकर शिवरीनारायण और पंथोरा-चांपा क्षेत्र से निकली रेत का भारी मात्रा में दूसरे जिलों में परिवहन हो रहा है, जिससे वैध खनन की प्रक्रिया पूरी तरह ठप पड़ गई है।

एक्शन में दिखा खनिज विभाग, पर स्थायी हल जरूरी

हालांकि खनिज विभाग द्वारा समय-समय पर छापेमारी की जाती है, लेकिन स्थायी समाधान और नियमित निगरानी के अभाव में रेत माफियाओं का नेटवर्क अब भी सक्रिय है। स्थानीय नागरिकों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने शासन से गंभीर और नियमित कार्रवाई की मांग की है।

कार्रवाई की मुख्य बातें:

  • 5 ट्रैक्टर-ट्रॉली रेत जब्त

  • 700 घनमीटर अवैध रेत भंडारण उजागर

  • रेत माफिया सक्रिय, राजनीतिक संरक्षण का आरोप

  • शासन को करोड़ों का नुकसान

  • सीमावर्ती जिलों में रेत की आपूर्ति चरम पर

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