रिपोर्टर: अनिल उपाध्याय – सीतापुर, छत्तीसगढ़
समाचार विवरण (न्यूज पोर्टल के लिए तैयार फॉर्मेट में):
छत्तीसगढ़ के सीतापुर क्षेत्र के देवगढ़ बखरीपारा गांव में गुरुवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ, जब खेत में पानी पटाने गए 55 वर्षीय किसान मोहरसाय पैंकरा को जंगली हाथियों ने कुचलकर मौत के घाट उतार दिया।
घटना का विवरण:
मोहरसाय रोज़ की तरह सुबह खेत में पानी पटाने गए थे। उसी दौरान जंगल से भटककर आए दो जंगली हाथियों ने उन पर अचानक हमला कर दिया। किसान ने जान बचाने की कोशिश की लेकिन हाथियों ने उन्हें पकड़कर पैरों तले रौंद डाला, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम और पुलिस मौके पर पहुंची। शव का पोस्टमार्टम कराकर उसे परिजनों को सौंपा गया। घटना के बाद मृतक किसान के घर में मातम पसरा है और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
मुआवजा और सहायता राशि:
वन विभाग द्वारा तत्काल राहत के तौर पर मृतक की पत्नी को ₹25,000 की सहायता राशि का चेक सौंपा गया।
यह चेक पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष प्रभात खलखो और भाजपा मंडल महामंत्री संगीता कंसारी ने प्रदान किया।
वन परिक्षेत्राधिकारी विजय कुमार तिवारी ने बताया कि हाथी के हमले में मौत पर कुल ₹6 लाख मुआवजा देने का प्रावधान है। शेष राशि पीड़ित परिवार को एक सप्ताह के भीतर दी जाएगी।
पहली बार देवगढ़ पहुंचे हाथियों ने ली जान:
जानकारी के अनुसार, ये दो सदस्यीय हाथियों का दल पहले ललितपुर क्षेत्र में देखा गया था। वन विभाग की निगरानी के बावजूद आधी रात के बाद ये हाथी देवगढ़ बखरीपारा पहुंच गए और वहां यह हादसा घटित हुआ।
स्थानीय स्थिति:
वन अमला, सरपंच सुभाष उरांव, एसडीओ पी.एस. मिश्रा, और रेंजर राजेश यादव मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया।
प्रशासन और वन विभाग से सवाल:
ग्रामीणों में अब दहशत का माहौल है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या वन विभाग समय पर अलर्ट कर सकता था? क्या जंगली हाथियों की मूवमेंट पर कड़ी निगरानी नहीं होनी चाहिए?