छत्तीसगढ़ के घोर नक्सल प्रभावित इलाके पूवर्ती गांव, जो कि मोस्ट वांटेड नक्सली हिड़मा का गांव है, वहां अब हालात तेजी से बदल रहे हैं। सीआरपीएफ की एक सशक्त और मानवीय पहल ने यहां शिक्षा और स्वास्थ्य की नई रोशनी जगाई है। कभी जहां नक्सलियों की इजाजत के बिना कोई प्रवेश नहीं कर सकता था, अब वहां गुरुकुल स्कूल और आधुनिक आरोग्यधाम हॉस्पिटल चल रहे हैं।
गांव की बदली तस्वीर: सड़क, स्कूल और अस्पताल की सौगात
बरसात में 6 महीने तक देश-दुनिया से कटा रहने वाला पूवर्ती गांव
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अब पक्की सड़कों से जुड़ चुका है,
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बच्चों के लिए गुरुकुल स्कूल खुल चुका है,
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और अब गांव में सीआरपीएफ का फील्ड हॉस्पिटल भी शुरू हो गया है।
सीआरपीएफ जवानों ने यह सब अपनी मेहनत और प्रतिबद्धता से संभव किया है। गांव में अब इलाज के लिए आधुनिक सुविधा, डॉक्टरों की मौजूदगी, और 24×7 एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध है।
आरोग्यधाम: फ्री सुपर स्पेशियलिटी ट्रीटमेंट
सुकमा जिला प्रशासन के सहयोग से सीआरपीएफ द्वारा शुरू किए गए
आरोग्यधाम हॉस्पिटल में:
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16 बीमारियों का इलाज मुफ्त किया जा रहा है।
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मरीजों को 24 घंटे जांच, दवा, और उपचार की सुविधा मिल रही है।
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हॉस्पिटल में मॉडर्न मेडिकल इक्विपमेंट,
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BLS/ACLS एम्बुलेंस,
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और लाइफ सपोर्ट सिस्टम जैसी व्यवस्थाएं हैं।
पहले जहाँ सर्पदंश या बुखार जैसी बीमारियों से ग्रामीणों की मौत हो जाती थी,
अब समय पर इलाज मिलने से अनेक जानें बचाई जा रही हैं।
स्वास्थ्य सुविधाएं जो अब गांव में ही मिल रही हैं
आरोग्यधाम हॉस्पिटल में उपलब्ध प्रमुख जांच और उपचार सुविधाएं:
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HB टेस्ट, शुगर लेवल (FBG/PPBS/RBS)
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लिपिड प्रोफाइल, लिवर और किडनी फंक्शन टेस्ट
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मलेरिया, डेंगू, टाइफाइड किट टेस्ट
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सर्पदंश पर कोएगुलेशन टेस्ट, ECG, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर
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एम्बू बैग, डिफाइब्रिलेटर, और ट्रेंड मेडिकल स्टाफ
अब ग्रामीणों को इलाज के लिए सैकड़ों किलोमीटर दूर नहीं जाना पड़ता।
हिड़मा: पूवर्ती का वो चेहरा जो अब इतिहास बनने की ओर
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हिड़मा, जो कि पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) बटालियन-1 का कमांडर रह चुका है,
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माओवादी स्पेशल जोनल कमेटी और
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CPI माओवादी की 21 सदस्यीय सेंट्रल कमेटी का सदस्य है।
झीरम घाटी हमले सहित 27 से अधिक बड़े नक्सली हमलों का मास्टरमाइंड हिड़मा
पूवर्ती गांव से ही संचालित होता था।
लेकिन अब उसी गांव में शिक्षा और स्वास्थ्य का दीप जल रहा है।