मोहला में छात्राओं से छेड़छाड़ का मामला: शिक्षक गिरफ्तार, पॉक्सो एक्ट के तहत जेल भेजा गया

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रिपोर्ट – एनिशपुरी गोस्वामी, मोहला
छत्तीसगढ़ के मोहला-मानपुर जिले में एक सरकारी स्कूल में छात्राओं के साथ अश्लील व्यवहार और छेड़छाड़ के गंभीर मामले में मोहला पुलिस ने आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया है। पीड़ित छात्राएं नाबालिग हैं और मामला 22 से 25 जुलाई के बीच का है। इस मामले में पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के तहत अपराध दर्ज कर आरोपी को 31 जुलाई को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

क्या है पूरा मामला?

प्राप्त जानकारी के अनुसार, मोहला स्थित एक शासकीय विद्यालय में पदस्थ शिक्षक जोगीराव खोब्रागढ़े (उम्र 50 वर्ष, निवासी मोहला) पर कई नाबालिग छात्राओं ने अश्लील बातचीत, अनुचित स्पर्श और शारीरिक छेड़छाड़ के आरोप लगाए हैं।

विद्यालय के प्रधान पाठक ने इस गंभीर घटना की शिकायत थाना मोहला में दर्ज कराई थी, जिसके आधार पर अपराध क्रमांक 72/25 के तहत भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 75(1)(I), 75(1)(IV) और पॉक्सो एक्ट की धारा 8 व 12 के तहत मामला दर्ज किया गया।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई

पुलिस अधीक्षक वॉय.पी. सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पितांबर पटेल एवं एसडीओपी ताजेश्वर दीवान के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी निरीक्षक कपिल देव चंद्रा ने एक विशेष टीम गठित की।

टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी की लोकेशन ट्रेस की और 31 जुलाई की सुबह मोहला गांव में घेराबंदी कर आरोपी को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में आरोपी ने अपने कृत्य को स्वीकार कर लिया, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया और न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया।

सुरक्षा को लेकर प्रशासन की सजगता

पुलिस ने इस पूरे मामले को संवेदनशीलता और गंभीरता से लिया। कार्यवाही में सहायक उपनिरीक्षक ताज खान, प्रधान आरक्षक ओंकार सिंह, आरक्षक गिरीश कोमा, वीरेन्द्र रजक, महिला आरक्षक रजनी गबेल एवं सावित्री भगत की सक्रिय भूमिका रही।

पुलिस की तत्परता और सजगता से यह संदेश गया है कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है, और किसी भी प्रकार की लापरवाही या अपराध को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

समाज में बढ़ रही जागरूकता

यह मामला न सिर्फ बच्चों के अधिकारों और सुरक्षा का सवाल उठाता है, बल्कि यह भी बताता है कि शिक्षण संस्थानों में यौन उत्पीड़न को लेकर सतर्कता और निगरानी कितनी ज़रूरी है। परिजनों और विद्यालय प्रबंधन की सजगता से ही यह मामला उजागर हो पाया।

निष्कर्ष
मोहला थाना पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने एक बार फिर साबित किया है कि कानून व्यवस्था और बाल सुरक्षा के मामले में अब चुप्पी नहीं, बल्कि सख्ती जरूरी है। यह केस आने वाले समय में अन्य संस्थानों के लिए एक चेतावनी है कि बच्चों के साथ किसी भी तरह का दुर्व्यवहार अब छिपाया नहीं जाएगा।

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