अनिल उपाध्याय- सीतापुर। बारिश में रेत खनन एवं परिवहन पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद भी क्षेत्र में रेत माफिया सक्रिय हैं। बारिश थमते ही रेत माफिया आसपास के नदी नालों से रेत का अवैध खनन एवं परिवहन कर रहे हैं। जिसे स्टॉक करते हुए रेत माफिया बारिश के दिनों में महंगे दामों पर बेचकर मोटी कमाई कर रहे हैं। इनके विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं होने से रेत माफिया धड़ल्ले से रेत का अवैध कारोबार कर रहे हैं। रेत के अवैध कारोबार करने वालों के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं होने से शासन को राजस्व की हानि हो रही है। वहीं नदी नालों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
विदित हो कि, बारिश के मौसम में नदी नालों से रेत खनन एवं परिवहन पर रोकथाम के लिए 10 जून से रोक लगा दी गई है।ताकि रेत खनन एवं परिवहन से नदी नालों में एवं आसपास के क्षेत्रों में कटाव जल प्रदूषण वनस्पति एवं जलजीवों को कोई नुकसान न पहुँचे।इसके बाद भी क्षेत्र में रेत का अवैध खनन एवं परिवहन धड़ल्ले से चल रहा है।बारिश थमते ही रेत माफिया सक्रिय हो गए हैं जो आसपास के नदी नालों से अवैध रूप से रेत खनन एवं परिवहन को अंजाम दे रहे हैं। रेत माफिया ट्रैक्टरों के जरिये नदी से रेत का अवैध खनन एवं परिवहन कर उसका स्टॉक कर रहे हैं। ताकि बारिश के दिनों में रेत की किल्लत होने पर महंगे दामों पर रेत बेचकर मोटी कमाई किया जा सके।
सोनतराई में जमा किया जा रहा है रेत का स्टॉक
बारिश थमते ही रेत माफियाओं द्वारा नदी नालों से रेत का अवैध खनन एवं परिवहन कर उसे ग्राम सोनतराई में डंप किया जा रहा है। विगत कई दिनों से ट्रैक्टर एवं मिनी ट्रक के माध्यम से अवैध रूप से रेत लाकर स्टॉक किया जा रहा है। ताकि बारिश के दिनों में रेत की होने वाली किल्लत के दौरान महंगे दामों पर बेचकर मोटा मुनाफा कमाया जा सके। पिछली बार भी यहाँ मांड नदी एवं आसपास के नालों से अवैध खनन एवं परिवहन के जरिये भारी मात्रा में रेत डंप किया गया था। जिसे बारिश के दिनों में महंगे दामों में बेचकर मोटा मुनाफा कमाया गया था।