छत्तीसगढ़ की साहित्यिक प्रतिभा नेहा वार्ष्णेय को गुरु पूर्णिमा पर कवि स्पर्श साहित्यिक मंच द्वारा महर्षि वेदव्यास सम्मान से अलंकृत किया गया। यह सम्मान उनके चिंतनशील लेखन, सामाजिक संवेदनाओं और साहित्यिक योगदान के लिए प्रदान किया गया है। नेहा ने हाल के वर्षों में साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय पहचान बनाई है। उन्हें पूर्व में राजस्थान से स्वर कोकिला सम्मान, राम साहित्य सेवा संस्थान, अंतरराष्ट्रीय श्रेया संस्थान द्वारा भी विभिन्न पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है।
साथ ही भिलाई स्थित मुक्तकंठ सेवा संस्थान ने भी हाल ही में उन्हें विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित कर सम्मानित किया। यूपी के चंदौसी की मूल निवासी नेहा वर्तमान में दुर्ग में रहती हैं। पारिवारिक जिम्मेदारियों को प्राथमिकता देने के बाद, उन्होंने पिछले तीन वर्षों से पूर्णतः साहित्यिक लेखन को समर्पित कर दिया है