स्कूल में बच्चों को खिला दिया कुत्ते का जूठा खाना: मामला उजागर होने पर 78 छात्र-छात्राओं को लगाया गया एंटी रेबीज टीका

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बलौदाबाजार। बलौदाबाजार जिले के पलारी विकासखंड के एक सरकारी स्कूल में बच्चों के स्वास्थ्य से बड़ा खिलवाड़ का मामला सामने आया है। लक्षनपुर गांव में मध्यान्ह भोजन के रूप में 78 बच्चों को कथित रूप से कुत्ते का जूठा भोजन परोसा गया। मामले ने तूल तब पकड़ा तो ग्रामीणों और पलकों द्वारा बच्चों को एंटी-रेबीज का टीका लगवाना पड़ा। पूरे गांव में इस घटना को लेकर भारी आक्रोश है। सातवीं और आठवीं कक्षा के कुल 78 बच्चों को एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगाया गया है।

घटना की सूचना मिलते ही शिक्षा विभाग और प्रशासन में हड़कंप मच गया। जांच के लिए एसडीएम, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम स्कूल पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। बच्चों, उनके पालकों, शिक्षकों और डॉक्टरों के बयान लिए गए।

स्वास्थ्य विभाग ने 78 बच्चों को लगाया एंटी-रेबीज का टीका
सावधानी के तौर पर 78 बच्चों को एंटी-रेबीज वैक्सीन दी गई। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि यह केवल प्राइमरी डोज है, और जब तक लक्षण सामने नहीं आते, तब तक फुल डोज की आवश्यकता नहीं होती। इससे कोई साइड इफेक्ट नहीं होगा।

स्व सहायता समूह की लापरवाही आई सामने
स्थानीय स्व सहायता समूह, जो मिड-डे मील की जिम्मेदारी संभाल रहा था, उस पर पहले भी कई बार लापरवाही के आरोप लग चुके हैं। बच्चों को कम खाना देना, दोबारा मांगने पर डांटना या गुस्से में अधिक खाना फेंककर देना जैसी शिकायतें आम हो गई थीं। इसके अलावा खाने में कभी चींटी कभी कीड़े निकालना आम बात थी सफाई का बिल्कुल भी ख्याल नहीं रखा जाता था। ग्रामीणों की मांग है कि इस समूह को हटाकर किसी अन्य समूह को मध्यान भोजन की जिम्मेदारी सौंपी जाए।

शिक्षा विभाग और शिक्षकों की मॉनिटरिंग पर उठे सवाल
इस घटना से शिक्षा विभाग की निगरानी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। स्कूल स्टाफ और शिक्षकों की लापरवाही के चलते इतनी बड़ी घटना घटित हुई, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य पर संकट मंडरा गया।

विधायक ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
कसडोल विधायक संदीप साहू ने इस गंभीर मामले को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। उन्होंने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है और भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों, इसके लिए कड़े दिशा-निर्देश जारी करने की बात कही है। खबर लिखे जाने तक प्रशासनिक अमला स्कूल में मौजूद था एवं ग्रामीण एवं शिक्षकों के बयान लिए जा रहे थे अब देखना क्या होगा कि दोषियों के खिलाफ प्रशासन क्या कार्रवाई करता है।

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