‘डेड इकोनॉमी’ विवाद: राहुल गांधी ने ट्रंप के सुर में मिलाया सुर, कांग्रेस के इन बड़े नेताओं ने बिगाड़ दी ताल

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से भारत की अर्थव्यवस्था को डेड इकोनॉमी बताने के बाद बवाल मचा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान का समर्थन किया है, लेकिन कांग्रेस के कुछ दिग्गज नेता उनके रूख से सहमत नहीं है। इन नेताओं का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही है। तो चलिये बताते हैं कि राहुल गांधी क्यों डोनाल्ड ट्रंप के सुर में सुर मिला रहे हैं, वहीं उनके ही नेता उनकी सियासी ताल को बिगाड़ने के लिए खुलकर सामने आ चुके हैं। सबसे पहले बात करते हैं कि राहुल गांधी ने क्या कहा?

राहुल ने ट्रंप के बयान का किया समर्थन

डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 फीसद टैरिफ के ऐलान के एक दिन बाद बयान देकर भारत की इकोनॉमी को डेड बताया था। उन्होंने भारत और रूस के बीच कारोबार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा था कि दोनों डेड इकोनॉमी हैं। भारत और रूस अपनी बर्बाद अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ गर्त में ले जा सकते हैं, उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है।

मीडिया ने जब ट्रंप के इस बयान पर राहुल गांधी से सवाल पूछा तो उन्होंने जवाब दिया, ‘हां, वो (ट्रंप) सही हैं। प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को छोड़कर हर कोई यह बात को जानता है। पूरी दुनिया को पता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था एक ‘डेड इकोनॉमी’ है। उन्होंने आरोप लगाया कि अदानी की मदद के लिए भारत की अर्थव्यवस्था को खत्म कर दिया है।

राहुल गांधी यहीं नहीं रूके। उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने हमारी इकोनॉमिक पॉलिसी को पूरी तरह से खत्म कर दिया। हमारी रक्षा नीति, विदेश नीति भी नष्ट हो चुकी हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप लगाया कि वे केवल एक व्यक्ति के लिए काम करते हैं।

कहा कि नोटबंदी और गलत तरीके से लागू जीएसटी की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था खत्म हो गई। मेक इन इंडिया पर तंज कसते हुए राहुल ने कहा कि असेंबल इन इंडिया की योजना भी पूरी तरह से नाकाम साबित हुई। एसएसएमई खत्म हो गए, किसानों को भी कुचल दिया गया। उन्होंने कहा कि ये फैक्ट हैं, जिसकी वजह से ट्रंप का डेड इकोनॉमी वाला बयान सही है।

इन कांग्रेसियों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को बताया मजबूत

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने ट्रंप के बयान को गलत बताया। शशि थरूर ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर चल रही बातचीत चुनौतीपूर्ण है। ब्रिटेन के साथ समझौता हो चुका है, जबकि ईयू समेत दूसरे देशों से भी बातचीत चल रही है।

उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका मुश्किलें बढ़ाता है, तो हमें अमेरिका के बाहर के बाजारों में विकल्प तलाशने होंगे। कहा कि भारत चीन की तरह पूरी तरह निर्यात पर निर्भर रहने वाली अर्थव्यवस्था वाला देश नहीं है। यह भारत की ताकत है। उन्होंने कहा कि हमें अपने वार्ताकारों को दबाव में नहीं डालना चाहिए ताकि वे बेहतर समझौता कर सकें।

हमारी आर्थिक स्थिति बिल्कुल भी कमजोर नहीं

कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य राजीव शुक्ला भी ट्रंप के डेड इकोनॉमी वाले बयान से इत्तेफाक नहीं रखते हैं। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि पीवी नरसिम्हा राव के समय में भारत में आर्थिक सुधार शुरू हो गए थे। अटल बिहारी बाजपेयी ने भी उन सुधारों को आगे बढ़ाया। मनमोहन सिंह ने दस सालों तक भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत किया। मौजूदा सरकार भी आर्थिक सुधारों को मजबूत कर रही है।

उन्होंने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था बिल्कुल भी कमजोर नहीं है। अगर कोई हमें आर्थिक रूप से बर्बाद देखता है, तो यह उसकी गलतफहमी है। उन्होंने ट्रंप का नाम लेकर कहा कि वे भ्रम में जी रहे हैं। हर देश को अधिकार है कि उसे किस देश के साथ व्यापार करना है। इस पर पाबंदी लगाना, ब्रिक्स के खिलाफ बोलना, रूस और भारत के बीच व्यापार संबंधों पर हमला बोलना, यह सब ठीक नहीं है।

ट्रंप के बयान को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए

कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने भी ट्रंप के डेड इकोनॉमी वाले बयान पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि डोनाल्ड ट्रंप पर नज़र रखने वाला कोई भी व्यक्ति जानता होगा कि वह हर किसी के बारे में उलटी टिप्पणी करते हैं। उन्होंने एक और टिप्पणी की है, जिसमें उन्होंने ट्रंप के बयान को गंभीरता से नहीं लेने की बात कही है।

उन्होंने कहा कि ट्रंप एक दिखावा करने वाले व्यक्ति हैं। उन्होंने शांत और संयमित बातचीत के परिणाम मिलेंगे। हम दोनों बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं और हमें एक-दूसरे की ज़रूरत है। उनका जीवन सीमित है। वह 20 जनवरी 2029 के बाद राष्ट्रपति नहीं रहेंगे, लेकिन इन भारत और अमेरिका के बीच संबंध आने वाली सदियों तक कायम रहेंगे।

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