एक साथ निकली तीन मासूम दोस्तों की अर्थी: अंतिम संस्कार में रोया पूरा गांव, परिजनों का रो- रोकर बुरा हाल

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मोहला। छत्तीसगढ़ के मोहला, मानपुर- अंबागढ़, चौकी थाना क्षेत्र के ग्राम छछानपाहरी में बीते रविवार शाम को तीन बच्चों की तालाब में डूबने से मौत हो गई। बच्चों मरने से परिवार जनों सहित पूरे गांव में मातम पसर गया है। सोमवार को बड़ी संख्या में जुटे क्षेत्रवासी ग्रामीणों की मौजूदगी में गमगीन माहौल के बीच तीनों मासूमों का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया।

उल्लेखनीय कि, रविवार छुट्टी के दिन तीन बच्चे शाम 4 बजे लगभग अपने-अपने घर से खेलने निकले हुए थे। इसी बीच खेलते खेलते हुए वे लोग गांव के तालाब में नहाने घुस गए तालाब गहरा था और गहराई की जद में आकर तीन 6 से 7 साल के मासूम बच्चे डूब गए। बच्चों का नाम नव्यांश कुमार, हिमांशु साहू और लक्ष्य है। एक बच्चा गांव के ही प्राथमिक शाला में पढ़ता था। वहीं दो बच्चे अंबागढ़- चौकी स्थित निजी स्कूल में पढ़ने जाते थे।

सरपंच ने दी मामले की जानकारी
इस हादसे को लेकर सरपंच पंचराम चंद्रवंशी ने बताया कि, घटना रविवार शाम की है। परिवार जनों के साथ कुछ ग्रामीण शाम 6 बजे के आसपास बच्चों को खोजते हुए तालाब मे पहुंचे। जहां तालाब की सीढ़ी में बच्चों के कपड़े देखे गए। जिससे किसी घटना की आशंका वश तालाब का मुआयना किया गया। तब पता चला कि, तीन बच्चों का शव तालाब में डूबा हुआ है, जैसे तैसे ग्रामीण और परिजनों ने तीनों शव को तालाब से बाहर निकाल कर उन्हें आनन फानन में अंबागढ़ चौकी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया। जहां डॉक्टरों द्वारा बच्चों को मृत घोषित करने के उपरांत शव को स्थानीय मंरच्चुरी में रखवाया गया। सोमवार को शव पीएम कराकर परिजनों को सौंप दिया गया।

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
तीन-तीन होनहार प्राथमिक शाला के छात्रो के एक साथ तालाब में डुबने के कारण हुए अकाल मौत से मृत मासूम छात्रों के माता-पिता तथा परिवार जनों पर दुखों का पहाड़ टूट गया है। इस घटना में माता-पिता का रो-रो कर बुरा हाल है।

एक साथ हुआ तीनों का अंतिम संस्कार
रविवार शाम को तीन मासूम दोस्तों के तालाब में डूबने से हुई मौत के बाद आज दोपहर को छछानपाहरी गांव के मुक्तिधाम में तीनों नाबालिक छात्रों का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान बेहद संख्या में गांव सहित आसपास गावो के ग्रामीण मौजूद रहें। अंतिम संस्कार में तीन तीन मासूमों के अथी देख सभी का दिल पसीज गया। बच्चों के मौत के गम में गांव के घरों में चूल्हा भी नहीं जला।

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