ind vs eng 5th test: टीम इंडिया ने आखिरी दिन नई गेंद क्यों नहीं ली? शुभमन गिल ने बताई असल वजह

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भारत ने इंग्लैंड को ओवल में खेले गए आखिरी टेस्ट में महज 6 रन से हराकर 5 टेस्ट की एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी 2-2 से बराबर कर ली। आखिरी दिन भारत ने इंग्लैंड को जीत के लिए जरूरी 35 रन नहीं बनाने दिए और बाकी बचे 4 विकेट हासिल कर लिए। मैच के बाद शुभमन गिल ने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा था कि टीम आखिरी दिन बचे हुए 4 विकेट हासिल कर सीरीज को बराबरी पर ले आएगी।

मैच के बाद शुभमन गिल ने जीत को लेकर कहा, ‘हाँ, हमें पूरा भरोसा था। कल भी हमें पता था कि वे [इंग्लैंड] थोड़े दबाव में हैं। हम बस यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि वे पूरे समय दबाव महसूस करें। दबाव हर किसी को वो काम करने पर मजबूर कर देता है जो वे नहीं करना चाहते, और हम बस यह पक्का करना चाहते थे कि वे 37 रन बनाने के दौरान दबाव महसूस करें।’

हमें विश्वास था कि जीतेंगे: गिल

गिल ने आगे कहा, ‘मुझे लगता है कि जिस तरह से दोनों टीमों ने पूरी सीरीज़ में खेला, हर दिन चौथे, पाँचवें दिन, और कभी यह नहीं पता था कि कौन सी टीम जीतेगी… यह दिखाता है कि दोनों टीमों ने अपना सर्वश्रेष्ठ खेल दिखाया और इस मैच में जीत हासिल करके बहुत खुश हैं।’

दूसरी नई गेंद नहीं लेने पर बोले गिल

गिल को एक नाटकीय अंत के बीच कप्तान के रूप में कुछ कठिन फैसले लेने पड़े, जिसमें दूसरी नई गेंद न लेने का फैसला भी शामिल था, और उन्होंने अपना काम आसान बनाने के लिए सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा को श्रेय दिया। दोनों तेज गेंदबाजों ने अंतिम पारी में दस में से 9 विकेट साझा किए।

‘सिराज जैसा गेंदबाज आपका काम आसान कर देता है’

आखिरी दिन नई गेंद नहीं लेने से जुड़े सवाल पर गिल ने कहा, ‘जब आपके पास सिराज और प्रसिद्ध जैसे गेंदबाज़ हों जो अपने स्पेल डाल रहे हों, तो कप्तानी काफी आसान लगती है। गेंद [अंतिम दिन] हर तरह की हरकत कर रही थी। हाँ, हम पर थोड़ा दबाव था, लेकिन मुझे लगता है कि आज सुबह जिस तरह से हमने उनका जवाब दिया और इस स्पैल में उन्होंने कमाल कर दिया, वह हमारे लिए शानदार था।’

पिछले महीने लॉर्ड्स टेस्ट में आउट होने वाले आखिरी बल्लेबाज़ होने से निराश सिराज ने सोमवार को द ओवल में गेंद से मैच का अंत किया, जब उनकी सटीक यॉर्कर ने गस एटकिंसन का ऑफ स्टंप उखाड़ दिया। सिराज ने शानदार प्रदर्शन किया और चौथी पारी में 30.1 ओवर फेंककर पाँच विकेट लिए।

गिल ने सिराज के बारे में कहा, ‘हाँ, बिल्कुल, वह एक कप्तान का सपना है। पाँच टेस्ट मैचों में, हर गेंद, हर स्पैल में उन्होंने अपना सब कुछ झोंक दिया, और हर कप्तान, हर टीम उनके जैसा खिलाड़ी चाहती है। हम बहुत भाग्यशाली हैं कि वह हमारी टीम में हैं।’

सिराज ने जहाँ प्लेयर ऑफ़ द मैच का पुरस्कार जीता, वहीं गिल को विपक्षी टीम के कोच ब्रेंडन मैकुलम ने भारत का प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ चुना। उन्होंने दस पारियों में 75.40 की औसत से सर्वाधिक 754 रन बनाए। गिल का सीरीज़ का कुल स्कोर किसी कप्तान का दूसरा सबसे बड़ा स्कोर है, जो 1936-37 की एशेज सीरीज़ में इंग्लैंड के खिलाफ डॉन ब्रैडमैन के 810 रनों के बाद दूसरा सबसे बड़ा स्कोर है।

गिल ने कहा, ‘बहुत अच्छा लग रहा है। मैंने सीरीज़ शुरू होने से पहले काफी मेहनत की थी। एक बल्लेबाज़ के तौर पर मैं कुछ चीज़ों पर काम करना चाहता था, और मेरा लक्ष्य सीरीज़ का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ बनना था। और उस लक्ष्य को हासिल कर पाना बहुत संतोषजनक और बहुत ही सुखद एहसास है।

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