रायपुर – छत्तीसगढ़ सरकार की नई रेत खनन नीति का क्रियान्वयन जल्द शुरु होने की संभावना है, लेकिन इससे पहले खास बात है कि सरकार चाहती कि अब नदियों से एक मीटर की जगह दो मीटर खुदाई की जाए। इस संबंध में पर्यावरण विभाग से अनुमति मांगी गई है। लेकिन इसके लिए खनिज विभाग ने पहले से तैयारी करते हुए आईआईटी रुढ़की से राज्य की सभी नदियां का एक अध्ययन करवाया है और उनकी रिपोर्ट है कि इससे पर्यावरण और नदियों पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ने वाला है।
छत्तीसगढ़ में रेत खनन के लिए राज्य सरकार नई नीति 2025 लाई है। इस संबंध में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में पिछले दिनों हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में निर्णय लिया गया था। इस नीति के तहत राज्य की रेत खदानों की एमएसटीसी पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन नीलामी होगी। यह पूरी तरह से पारदर्शी होने का दावा किया जा रहा है। नई नीति से राज्य सरकार को 100 करोड़ रुपए से अधिक राजस्व मिलने की उम्मीद है।
अब दो मीटर खुदाई क्यों
रेत खनन की नई नीति का फिलहाल सबसे अहम पहलू है कि रेत निकालने के लिए एक मीटर की जगह दो मीटर खुदाई हो। खनिज विभाग ये भी चाहता है कि इस काम के लिए जेसीबी के इस्तेमाल की अनुमति मिले। हालांकि पूर्व में नियम ये रहा है कि रेत खुदाई मैन्युअल तरीके से हो। लेकिन अब अधिकारियों का कहना है कि अब ये संभव नहीं है।
आईआईटी से पांच करोड़ में कराया है अध्ययन
रेत खनन नीति के तहत दो मीटर तक खुदाई करने संबंधी निर्णय से पहले राज्य सरकार ने आईआईटी रुड़की से राज्य की सभी नदियों पर एक अध्ययन करवाया है। इसके लिए पांच करोड़ रुपए कीमत भी अदा की गई है। आईआईटी रुड़की की रिपोर्ट कहती है कि नदियों को दो मीटर तक खोदने से नदियों और पर्यावरण पर कोई विपरीत प्रभाव भी नहीं पड़ने वाला है। यह रिपोर्ट खनिज विभाग के लिए काफी अनुकूल मानी जा रही है।
गहरी खुदाई से क्या फायदा
नदियों से रेत निकालने के लिए दो मीटर तक की खुदाई करवाने के संबंध में खनिज विभाग के अधिकारियों का दावा है कि यह किए जाने से रेत की चोरी रुकेगी। इस बात के साथ अधिकारी ये भी जोड़ते हैं कि पहले जब एक मीटर तक खुदाई की अनुमति थी तब भी ठेकेदार दो मीटर या अधिक भी खोदकर रेती चोरी कर लेते थे, लेकिन अब यह नहीं हो सकेगा।
15 अक्टूबर से शुरु होगा रेत खनन
राज्य सरकार ने नई रेत खनन नीति के तहत काम करना शुरु कर दिया है। अब रेत खदानों की ऑनलाइन नीलामी की जाएगी। इसके लिए यह खास प्रावधान रखा गया है कि जिसे भी खदान लेने है उसे छत्तीसगढ़ का नागरिक होना आवश्यक है। हालांकि राज्य में अभी बारिश के सीजन में रेत खनन पर रोक लगी है। 15 अक्टूबर के बाद खनन पर लगा प्रतिबंध समाप्त हो जाएगा। इसके बाद नई नीति के तहत रेत खनन प्रारंभ होगा।