राजस्थान में नए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित राजस्थान के वरिष्ठ नेताओं के साथ अपना पदभार ग्रहण किया। इस समारोह में भाजपा की एकजुटता और वसुंधरा राजे की प्रशंसा भी दिखाई दी। राजस्थान में भाजपा ने अपने मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में बदलाव किया है और लोकसभा चुनाव 2024 पर फोकस कर रही है। इसके साथ ही वसुंधरा राजे के विरोध की कोई बात नहीं है और वह भजनलाल शर्मा के मुख्यमंत्री बनने को समर्थन दे रही है।
राजस्थान में नए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शुक्रवार को पद संभाल लिया। इस दौरान बीजेपी ने बड़े स्तर पर शपथ ग्रहण समारोह आयोजित कर एक बड़ा संदेश देने की कोशिश की है। इस सियासी संकेत से बीजेपी ने अपनी एकजुटता दिखाई हैं। बीजेपी अब राजस्थान जीतने के बाद लोकसभा चुनाव 2024 पर फोकस कर रही है। ऐसे में बीजेपी ने यहीं दर्शाया हैं कि राजस्थान में बीजेपी एक है और नए मुख्यमंत्री को लेकर कोई विवाद नहीं है। इसी के चलते मुख्यमंत्री भजन लाल के शपथ ग्रहण समारोह और सचिवालय में पदभार ग्रहण करने के दौरान राजस्थान के वरिष्ठ नेताओं का जमावड़ा दिखाई दिया।
हाई कमान के एक फोन ने दिखाई BJP में एकजुटता
बीजेपी ने मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में बदलाव करते हुए भजन लाल को मुख्यमंत्री बनाया। इसको लेकर बीजेपी अब एकजुट दिखाने का प्रयास कर रही है। बीजेपी चाहती है कि राज्य में ऐसा सन्देश बिल्कुल नहीं दिखे, कि नेतृत्व में बदलाव के कारण भाजपा के नेताओं में असंतोष है। इसी को ध्यान में रखते हुए शपथ ग्रहण समारोह में कई केंद्रीय मंत्रियों और राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने हिस्सा लेकर शपथ ग्रहण समारोह को भव्य बनाया। सियासत में चर्चा है कि इस दौरान दिल्ली से हाईकमान ने बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं को फोन कर निर्देश दिए। इन निर्देशों के बाद ही सचिवालय में पदभार ग्रहण करने के दौरान राजस्थान के बीजेपी की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे समेत कई वरिष्ठ नेता भी उपस्थिति रहे। इसके माध्यम से बीजेपी ने यहीं दिखाया कि बीजेपी में सब साथ है। पहले कहा जा रहा था कि वसुंधरा राजे सीएम न बनाए जाने से नाखुश हैं।
बीजेपी का अगला मिशन लोकसभा चुनाव
अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं। इस बीच बीजेपी ने राजस्थान में मुख्यमंत्री का चेहरा बदलकर भजन लाल को मुख्यमंत्री बनाया। ऐसे में बीजेपी हाई कमान को इस बात की आशंका है कि नए चेहरे को मुख्यमंत्री बनाने से कहीं बीजेपी में कोई बगावत नहीं उभर जाएं। इसको लेकर बीजेपी सभी नेताओं को एकजुट करने में लगी हुई है। क्योंकि अगले साल लोकसभा चुनाव है। ऐसे में बीजेपी चाहती है कि उनकी पार्टी में किसी प्रकार का विरोध या मनमुटाव नहीं दिखे। इसका प्रभाव आने वाले लोकसभा चुनाव में देखने को मिले। इसलिए अभी से बीजेपी डैमेज कंट्रोल करने में जुटी हुई है।
वसुंधरा के आशीर्वाद देने के क्या है सियासी मायने?
दो बार की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के रहते हुए बीजेपी के लिए नया मुख्यमंत्री का चेहरा लाना काफी कठिन था। लेकिन कुशल रणनीति के चलते बीजेपी के पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह ने वसुंधरा को नए के चेहरे पर राजी कर लिया। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के सचिवालय में कार्यभार ग्रहण करने के दौरान वसुंधरा ने उनके सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दिया। इस घटना ने सियासत को हैरान कर दिया। राजनीतिक जानकार इस घटना के पीछे कोई बड़ा सियासी मैसेज मान रहे हैं। माना जा रहा है कि पार्टी हाई कमान ने वसुंधरा का हाथ भजन लाल के सिर पर रखवाया था। इसके माध्यम से यह संदेश देने की कोशिश की है कि वसुंधरा भजन लाल के मुख्यमंत्री बनने से नाराज है और उनके मन में किसी प्रकार की कोई बात नहीं है। इस दौरान वसुंधरा राजे की बॉडी लैंग्वेज में भी काफी बदलाव दिखाई दिया।