सुप्रीम कोर्ट का ‘डॉग डिसीजन’ — अब CJI बोले, दोबारा सोचेंगे

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दिल्ली-NCR से आवारा कुत्तों को हटाने के आदेश पर चीफ जस्टिस बीआर गवई ने कहा — “देखेंगे, इस पर फिर विचार होगा।”
ये वही मामला है जिसमें एक बेंच ने कुत्तों को 8 हफ्तों में शेल्टर भेजने का आदेश दिया था, लेकिन दूसरी बेंच पहले ही कह चुकी थी — “अंधाधुंध हत्या नहीं हो सकती, दया दिखाना संवैधानिक मूल्य है।”

पृष्ठभूमि:

  • 11 अगस्त 2024: SC ने कहा — डॉग बाइट्स और रेबीज के खतरे को देखते हुए सभी आवारा कुत्तों को 8 हफ्तों में शेल्टर भेजो। रुकावट डालने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी।

  • मई 2024: दूसरी बेंच का आदेश — कोई भी “कुत्तों की बेहिसाब हत्या” नहीं कर सकता।

  • SC ने खुद नोटिस लेते हुए बताया — 37 लाख से ज्यादा डॉग बाइट्स और 54 रेबीज मौतें 2024 में दर्ज हुईं।

️ कोर्ट रूम मोमेंट:

ननीता शर्मा (याचिकाकर्ता): “माई लॉर्ड, हमारी याचिका तुरंत लिस्ट होनी चाहिए।”
CJI गवई: “दूसरी बेंच आदेश दे चुकी है।”
ननीता: “यही दिक्कत है… दोनों आदेश टकरा रहे हैं।”
CJI: “समझ गया… मैं देखूंगा।”

पॉलिटिकल और सोशल रिएक्शन:

  • राहुल गांधी: “ये दशकों से चली आ रही मानवीय पॉलिसी से पीछे जाने वाला कदम है। बेजुबान पशु कोई ‘समस्या’ नहीं।”

  • प्रियंका गांधी: “कुत्ते कोमल और सुंदर प्राणी हैं, 8 हफ्तों में हटाना अमानवीय होगा।”

  • मेनका गांधी: “दिल्ली में 3 लाख कुत्ते हैं। सबको हटाने के लिए हजारों शेल्टर होम बनाने पड़ेंगे।”

आंकड़े और तुलना:

  • भारत में — ओडिशा में सबसे ज्यादा (1000 लोगों पर 39.7 कुत्ते)

  • कोई आवारा कुत्ता नहीं — लक्षद्वीप, मणिपुर (भारत), नीदरलैंड्स (दुनिया)

Punchline: आदेश एक, संवेदनाएं दो — अब देखना ये है कि सुप्रीम कोर्ट कुत्तों को सड़कों से हटाएगा, या सड़कों का दिल इन कुत्तों के लिए खुला रखेगा।

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