15 अगस्त को मीट की दुकानें और बूचड़खाने बंद रखने के आदेश ने राजनीतिक थाली में तूफ़ान ला दिया है।
तेलंगाना के ओल्ड हैदराबाद सिटी से लेकर महाराष्ट्र के कल्याण-डोंबिवली और छत्रपति शिवाजी नगर तक यही फरमान — “स्वतंत्रता दिवस पर मीट बैन।”
किसने क्या कहा?
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असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM):
“गोश्त और स्वतंत्रता दिवस का क्या रिश्ता? ये निजता, आजीविका, संस्कृति और धर्म के अधिकार का उल्लंघन है।”
साथ ही 99% तेलंगाना में लोग मीट खाते हैं — ये भी याद दिला दिया। -
आदित्य ठाकरे (शिवसेना UBT):
“हमारे घर में नवरात्रि पर भी प्रसाद में मछली होती है — यही हमारा हिंदुत्व है। धर्म या राष्ट्रभक्ति से कोई लेना-देना नहीं।”
और साथ में कमिश्नरों को नसीहत — सड़कों की हालत सुधारो, लोगों की थाली मत देखो। -
अजित पवार (उप-मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र):
“कोकण में हर सब्जी में सूखी मछली पड़ती है। भावनात्मक मौके पर बैन समझ आता है, लेकिन 15 अगस्त को क्यों?”
⚖️ मामला कोर्ट में
तेलंगाना हाईकोर्ट ने GHMC से पूछा — “क्यों बैन?”
याचिकाकर्ता का दावा — यह आदेश अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और अनुच्छेद 19(1)(g) (पेशा चुनने की आज़ादी) का उल्लंघन है।