-हरित ऊर्जा, ग्रामीण सहभागिता और खेतों के साथ एक यादगार आयोजन
दुर्ग, 13 अगस्त 2025/ छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण द्वारा विश्व जैव ईंधन दिवस का आयोजन ग्राम गोढ़ी, जिला दुर्ग में बड़े उत्साह और गरिमा के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर ग्राम पंचायत गोढ़ी की सरपंच श्रीमती अन्नपूर्णा साहू, पूर्व सरपंच श्री गोपी साहू, श्री देवेंद्र साहू (श्री साई ट्रेडर्स, मुरगुंदा) एवं श्री शुभांक साहू सहित अनेक विशिष्ट अतिथियों ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। श्री सुमित सरकार, मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीबीडीए) द्वारा सभी ग्रामवासियों को विश्व जैव ईंधन दिवस के अवसर पर बधाई एवं शुभकामना संदेश प्रेषित किया गया। सभी अतिथियों एवं ग्रामवासियों को सीबीडीए द्वारा टी-शर्ट्स एवं टोपी वितरित कर हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन किया गया और उन्हें जैव ईंधन के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में अवगत कराया गया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में प्राधिकरण के सहायक परियोजना अधिकारी श्री संतोष कुमार मैत्री ने विस्तृत रूप से बताया कि सीबीडीए लगातार जैव ईंधन अनुसंधान कार्यों में संलग्न है। उन्होंने कहा कि ग्राम गोढ़ी में निर्मित बायोएथेनॉल प्रदर्शन संयंत्र का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ में जैव ईंधन अनुसंधान को बढ़ावा देना है, ताकि अधिक से अधिक जैव ईंधन का उत्पादन कर राज्य की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाया जा सके। उन्होंने इस तथ्य पर विशेष रूप से प्रकाश डाला कि देश की लगभग 85 प्रतिशत तेल का आयात विदेशों से किया जाता है, जिस पर अत्यधिक धनराशि व्यय होती है। यदि राज्य स्तर पर जैव ईंधन उत्पाद को बढ़ावा दिया जाए तो न केवल आयात पर निर्भरता कम होगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार और आय के नए स्रोत भी उपलब्ध होंगे।
श्री मैत्री ने यह भी उल्लेख किया कि सीबीडीए ने सबसे पहले अखाद्य तैलीय बीजों के तेल से बायोडीजल उत्पादन का कार्य सफलतापूर्वक किया था, जिसे वर्तमान में प्रयुक्त खाना पकाने के तेल से भी किया जा रहा है। सीबीडीए द्वारा निर्मित बायोडीजल आईएसओ मानकों के अनुसार पूर्णतः मानक गुणवत्ता का है। छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण ने आईआईपी, देहरादून के सहयोग से बायोजेट ईंधन के उत्पादन में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है इसके अतिरिक्त सीबीडीए बायोएथेनॉल उत्पादन में भी सफलता प्राप्त कर चुका है और भविष्य में हरित हाइड्रोजन (ग्रीन हाइड्रोजन), सीबीजी (कम्प्रेस्ड बायोगैस) एवं एसएएफ (सस्टेनेबल एवियेशन फ्यूल) जैसे अन्य जैव ईंधनों पर भी कार्य करने की योजना बना रहा है।
प्राधिकरण की प्रधान वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. प्रीति कौर, सहायक परियोजना अधिकारी श्री लव त्यागी एवं श्री रमेश मेढेकर ने राज्य में जैव ईंधन अनुसंधान की संभावनाओं, उनकी महत्ता तथा इनके माध्यम से पर्यावरण संरक्षण एवं आमजन के जीवन पर पड़ने वाले सकारात्मक प्रभावों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन अनुसंधानों से न केवल पर्यावरण प्रदूषण में कमी आएगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक विकास की गति भी तेज होगी।
इस अवसर पर प्राधिकरण की सहायक लेखाधिकारी-सह-वित्त अधिकारी श्रीमती अंजली जोगदंड ने बताया कि सीबीडीए द्वारा किए जा रहे प्रयासों से राज्य की अर्थव्यवस्था को एक स्थायी एवं स्वच्छ ऊर्जा स्रोत प्राप्त हो रहा है, जो भविष्य में ऊर्जा क्षेत्र की दिशा और दशा दोनों को बदल सकता है। उन्होंने पह भी कहा कि जैव ईंधन उत्पादन से न केवल ग्रामीणों को रोजगार मिल रहा है, बल्कि उन्हें स्थायी आय का एक सशक्त माध्यम भी प्राप्त हुआ है। ग्राम गोढ़ी के निवासी, जो बायोएथेनॉल प्रदर्शन संयंत्र में कार्यरत है. उन्होंने भी अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने सीबीडीए के साथ जुड़ने से मिली स्थायी आय, तकनीकी ज्ञान और सामाजिक सम्मान के बारे में बताया। ग्रामीणों का कहना था कि इस संयंत्र ने न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार किया है, बल्कि उन्हें यह विश्वास भी दिलाया है कि आधुनिक तकनीक और ग्रामीण संसाधनों का समन्वय करके स्थायी विकास संभव है। पूरे कार्यक्रम के दौरान जैव ईंधन के प्रति जन-जागरूकता फैलाने, ग्रामीण युवाओं को इससे जुड़ने के लिए प्रेरित करने और छत्तीसगढ़ को जैव ईंधन के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई। कार्यक्रम में बल्कि ग्रामीण सहभागिता और आपसी सौहार्द बढ़ाने के उद्देश्य से विभिन्न मनोरंजक एवं प्रेरणादायक गतिविधियाँ भी आयोजित की गईं। वृक्षारोपण कार्यक्रम में सरपंच एवं उपसरपंच ने पूरे उत्साह से भाग लिया और गाँववासियों को हरित छत्तीसगढ़ के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने का संदेश दिया। रस्सीखिंच प्रतियोगिता ने गाँव के युवाओं और वरिष्ठजनों को एक मंच पर लाकर सामूहिकता और खेलभावना को बढ़ावा दिया।