जुलाई 2025 में थोक महंगाई (WPI) घटकर माइनस 0.58% पर आ गई, जो पिछले 2 साल का सबसे निचला स्तर है। रोजमर्रा के सामान और खाने-पीने की चीजों की कीमत कम होने से यह गिरावट आई।
सेक्टर-वाइज बदलाव
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प्राइमरी आर्टिकल्स: -4.95% (पहले -3.38%)
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फूड इंडेक्स: -2.15% (पहले 0.26%)
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फ्यूल & पावर: -2.43% (पहले -2.65%)
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मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स: 2.05% (पहले 1.97%)
WPI में वेटेज
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मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स: 64.23%
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प्राइमरी आर्टिकल्स: 22.62%
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फ्यूल & पावर: 13.15%
रिटेल महंगाई (CPI) भी रिकॉर्ड लो
जुलाई में रिटेल महंगाई 1.55% रही — यह 8 साल 1 महीने का निचला स्तर है। जून 2025 में यह 2.10% और मई में 2.82% थी।
WPI का असर
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WPI लंबे समय तक ऊंचा रहने पर मैन्युफैक्चरिंग और प्रोडक्शन सेक्टर पर दबाव बढ़ता है।
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प्रोड्यूसर महंगाई का बोझ उपभोक्ताओं तक पहुंचा सकते हैं।
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सरकार टैक्स बदलाव (जैसे एक्साइज कटौती) से ही इसे सीमित स्तर पर नियंत्रित कर सकती है।