स्वतंत्रता दिवस 2025 पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से देश को संबोधित करते हुए दो अहम घोषणाएँ कीं। उन्होंने ‘प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना’ लॉन्च की, जिसके तहत 1 लाख करोड़ रुपये खर्च कर 3.5 करोड़ युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है।
इसके साथ ही पीएम ने इस साल दिवाली पर जनता को “बड़ा तोहफ़ा” देने की बात कही—GST में बड़े बदलाव।
उनके मुताबिक, 8 साल बाद GST का रिव्यू कर नेक्स्ट-जेनरेशन रिफॉर्म्स लाए जा रहे हैं, जिससे रोजमर्रा की चीज़ों पर टैक्स घटेगा और आम जनता को सीधी राहत मिलेगी।
संभावित बदलाव: 12% वाले आइटम 5% स्लैब में
सूत्रों के अनुसार, टूथपेस्ट, बर्तन, कपड़े, जूते जैसे मिडिल और लोअर-इनकम वर्ग की जरूरत के सामान को 12% स्लैब से हटाकर 5% में लाया जा सकता है। वर्तमान में GST के चार स्लैब हैं—5%, 12%, 18% और 28%।
8 साल में दोगुना GST कलेक्शन
2024-25 में देश का ग्रॉस GST कलेक्शन 22.08 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया, जो 2020-21 में 11.37 लाख करोड़ था। यानी, 5 साल में टैक्स कलेक्शन लगभग दोगुना हो गया।
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औसत मासिक कलेक्शन: 1.84 लाख करोड़ (2024-25) बनाम 95 हजार करोड़ (2020-21)
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टैक्सपेयर्स: 65 लाख (2017) से बढ़कर 1.51 करोड़+
GST क्या है?
2017 में लागू हुआ यह एक एकीकृत अप्रत्यक्ष कर है, जिसने VAT, सर्विस टैक्स, एक्साइज ड्यूटी जैसे कई टैक्स खत्म कर दिए। इसके चार हिस्से हैं—
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CGST: केंद्र का हिस्सा
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SGST: राज्य का हिस्सा
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IGST: राज्यों के बीच लेन-देन/आयात पर
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उपकर: विशेष वस्तुओं पर अतिरिक्त टैक्स
विशेषज्ञों के मुताबिक, रिकॉर्ड GST कलेक्शन एक मजबूत घरेलू अर्थव्यवस्था और बेहतर कर अनुपालन का संकेत है।