प्रदेश में हफ्तेभर बारिश का दौर, कई जिलों में अलर्ट

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छत्तीसगढ़ में मानसून ने रफ्तार पकड़ ली है। मौसम विभाग ने शनिवार को बस्तर, नारायणपुर और कांकेर जिलों में भारी वर्षा के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। वहीं रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग और सरगुजा समेत अन्य इलाकों में गरज-चमक और आकाशीय बिजली गिरने की चेतावनी दी गई है।

पिछले 24 घंटों में राज्य के कई हिस्सों में मध्यम से तेज बारिश दर्ज की गई। रायपुर में शुक्रवार की रात करीब एक घंटे तक तेज बारिश हुई और सुबह से ही आसमान बादलों से घिरा रहा।

क्यों बढ़ रही है बारिश?

दरअसल, दक्षिण ओडिशा और उत्तरी आंध्रप्रदेश के ऊपर लो-प्रेशर एरिया सक्रिय है। इसी का असर छत्तीसगढ़ में दिख रहा है। आने वाले 7 दिन तक बारिश का सिलसिला जारी रहेगा।

  • दक्षिण छत्तीसगढ़ – कहीं-कहीं भारी वर्षा

  • मध्य और उत्तरी छत्तीसगढ़ – हल्की से मध्यम बारिश की संभावना

पिछले 24 घंटे का हाल

  • राजनांदगांव में सबसे ज्यादा 120 मिमी बारिश

  • रायपुर में अधिकतम तापमान 33.4 डिग्री

  • पेंड्रा में न्यूनतम तापमान 20 डिग्री दर्ज

बलरामपुर इस महीने बारिश में सबसे आगे है, जबकि कई जिलों में मानसून कमजोर रहा।
ब्लू कोड – अच्छी बारिश, यलो कोड – कम बारिश, रेड कोड – बेहद कम बारिश

सीजन का आंकड़ा

  • 1 जून से अब तक – 717.3 मिमी बारिश

  • सबसे ज्यादा – बलरामपुर (1139.9 मिमी)

  • सबसे कम – बेमेतरा (358.4 मिमी)

सिर्फ जुलाई महीने में 453.5 मिमी पानी गिरा, जो सामान्य से कहीं ज्यादा है। पिछले 10 साल में जुलाई में इतनी बारिश सिर्फ दो बार हुई—2016 और 2023 में।

क्यों गिरती है बिजली?

बादलों में मौजूद विपरीत ऊर्जा वाले चार्ज टकराते हैं। घर्षण से भारी मात्रा में बिजली बनती है जो धरती तक आ जाती है।

  • बिजली हमेशा सबसे नजदीकी कंडक्टर की तलाश करती है।

  • खंभे, पेड़, या उस समय वहां मौजूद इंसान – सभी इसके लिए आकर्षण का केंद्र बन जाते हैं।

जयपुर के आमेर महल वॉच टावर की घटना भी इसी कारण हुई थी।

आकाशीय बिजली के तथ्य

  • इसका तापमान सूर्य की ऊपरी सतह से भी ज्यादा होता है।

  • यह पलक झपकते ही खत्म हो जाती है।

  • सिर, गले और कंधे पर सबसे ज्यादा असर डालती है।

  • दोपहर के समय गिरने की संभावना ज्यादा रहती है।

मिथक और सच

❌ बिजली एक जगह दोबारा नहीं गिरती – गलत
❌ रबर-टायर बचाव करते हैं – गलत
❌ नाव से उतरना जरूरी – गलत
❌ लंबी वस्तुएं सुरक्षा देती हैं – गलत

मतलब, प्रदेश में फिलहाल बारिश और बिजली का खतरा दोनों साथ बने रहेंगे।

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