रायपुर में सक्रिय पाकिस्तान से जुड़े हेरोइन नेटवर्क पर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। ड्रग्स बेचने वाले आरोपियों से जुड़े खरीदारों और फंडिंग करने वालों की तलाश तेज हो गई है।
जांच के दौरान पुलिस ने करीब 350 संदिग्ध अकाउंट्स फ्रीज कर दिए हैं। इन खातों के जरिए करोड़ों रुपए का लेन-देन हुआ था। अधिकारियों का मानना है कि कई सफेदपोश लोग भी इस नेटवर्क से जुड़े हो सकते हैं।
अब तक की कार्रवाई
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रायपुर पुलिस ने 17 आरोपियों को गिरफ्तार किया।
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इन लोगों ने कमल विहार इलाके को ड्रग्स सप्लाई का ठिकाना बना रखा था।
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पुलिस ने छापेमारी में 1 करोड़ की हेरोइन, पैकेजिंग मटेरियल, कार और मोबाइल जब्त किए।
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गिरोह पिछले 8 महीने से वर्चुअल नेटवर्क के जरिए नशे का कारोबार चला रहा था।
800 खातों पर नजर
पुलिस की टेक्निकल टीम ने अब तक 800 से ज्यादा बैंक अकाउंट्स की पहचान की है। इन खातों से ड्रग्स डीलरों को पैसा भेजा गया था।
जो लोग सीधे तौर पर सिंडिकेट से जुड़े पाए जाएंगे, उन पर कठोर कार्रवाई होगी।
कैसे टूटा ड्रग्स नेटवर्क?
IG अमरेश मिश्रा और SSP डॉ. लाल उमेद सिंह ने एक स्पेशल टीम बनाई थी।
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महीनों की निगरानी और बैंक ट्रांजेक्शन ट्रैक करने के बाद
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3 अगस्त को पुलिस ने कमल विहार के फ्लैट पर रेड डाली
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यहां से लवजीत सिंह, सुवित श्रीवास्तव और अश्वन चंद्रवंशी पकड़े गए।
इनसे पूछताछ के बाद डिस्ट्रीब्यूटर्स और सप्लायर्स का पूरा नेटवर्क सामने आया। गिरोह में हर आरोपी का अलग-अलग रोल था – कोई पैकेजिंग, कोई डिलीवरी, कोई ग्राहक ढूंढना और कोई अकाउंट संभालना।
4 एजेंसियां कर रहीं जांच
इस पूरे मामले की जांच में सिर्फ रायपुर पुलिस ही नहीं, बल्कि
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IB (इंटेलिजेंस ब्यूरो)
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NCB (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो)
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ATS (एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड)
भी शामिल हैं।
मास्टरमाइंड लवजीत सिंह उर्फ बंटी से पूछताछ में नेटवर्क और सप्लाई चैन की कई अहम जानकारियां मिली हैं।
नशे का खतरा कितना घातक?
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हेरोइन – कुछ ही बार सेवन करने से लत लग जाती है, ज्यादा मात्रा में लेने पर मौत तक हो सकती है।
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MDMA / मेफेड्रोन (एक्सटेसी) – एक ग्राम की कीमत लगभग ₹15 हजार, पार्टी ड्रग के रूप में कुख्यात।
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इन ड्रग्स का असर सीधा दिमाग और नर्वस सिस्टम पर पड़ता है।
कुल मिलाकर, रायपुर का यह ड्रग्स सिंडिकेट अब जांच एजेंसियों की राडार पर है, और आने वाले दिनों में और बड़ी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।