नेट,सेट, पीएचडी संघर्ष संघ ने लगाई सरकार से गुहार: सहायक प्राध्यापकों के रिक्त पदों की भर्ती जल्द हो

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रायपुर। छत्तीसगढ़ नेट,सेट, पीएचडी संघर्ष संघ ने छत्तीसगढ़ सरकार से गुहार लगाई है कि शासकीय महाविद्यालयों में सहायक प्राध्यापकों के रिक्त पदों में जल्द ही भर्ती की जाए। संघ ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने की तैयारी की है।

उल्लेखनीय है कि, छत्तीसगढ़ नेट-सेट पीएचडी संघर्ष संघ का प्रदर्शन जारी है। 50 से अधिक अभ्यर्थी राजधानी रायपुर के कलेक्टोरेट गार्डन में एक जुट हुए। रायपुर कलेक्ट्रेट गार्डन में संघर्ष संघ के पदाधिकारी और सदस्य जुटे। इस दौरान संघ ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने की तैयारी की है।

50 से 70 प्रतिशत तक सहायक प्राध्यापकों के पद हैं खाली
छत्तीसगढ़ के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में 50 से 70% तक सहायक प्राध्यापकों के रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती की जाए। संघ का कहना है कि, लंबे समय से रिक्त पड़े पदों के कारण उच्च शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। अभ्यर्थियों का कहना है कि, प्रदेश के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में 50 से 70 प्रतिशत तक सहायक प्राध्यापकों के पद खाली पड़े हैं। सरकार जल्द से जल्द भर्ती प्रक्रिया शुरू करे और विज्ञापन जारी करे, ताकि योग्य अभ्यर्थियों को अवसर मिल सके। अभ्यर्थियों ने यह भी कहा कि, बीते 6 सालों से कोई भर्ती नहीं हुई है, जिससे नेट, सेट और पीएचडी डिग्रीधारी युवाओं में गहरी नाराजगी और निराशा है। अपनी मांगों को लेकर वे लगातार विभिन्न मंत्रियों को ज्ञापन सौंप रहे हैं।

संघ की प्रमुख मांगे

विधानसभा सत्र के दौरान प्राप्त जानकारी अनुसार वर्तमान में छत्तीसगढ़ के शासकीय महाविद्यालयो में सहायक प्राध्यपको की 2169 से अधिक पद रिक्त है। जिस कारण उच्च शिक्षा की पढ़ाई एवं शोध कार्य लगातार प्रभावित हो रही है। सहायक प्राध्यापक भर्ती की विकेन्सी अधिक समय अंतराल में आने के कारण कुछ लोगों को मौका मिले बिना ही उम्र पार हो जाती है।

सहायक प्राध्यापक भर्ती को लेकर युवाओं में गहरा रोष
सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा की विकेन्सी लम्बा अंतराल में आने के कारण युवाओं में गहरा रोष/ हताशा/निराशा की स्थिति बनी हुई है। पूर्व सरकार के समय सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा एवं अन्य पी. एस.सी. की भर्ती परीक्षा में संदिग्ध स्थिति बनी हुई है। जिसकी जांच चल रही है। जिससे कई योग्य प्रतियोगी चयन होने से वंचित रह गये वर्तमान में उनकी उम्र सीमा भी पार हो गई।

लंबे अंतराल की वजह से उम्र सीमा हुई पार
सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा पूर्व सरकार के द्वारा 2018-19 जो कि 2017-18 के रिक्त पदों के गणना के अनुसार प्रायोजित थी। इसके उपरांत करोना की गंभीर समस्या के कारण कई लोगों में अपने परिवारजनों को खो दिया जिससे तैयारी प्रभावित हुई है। विश्वविद्यालयों में पी.एच.डी. कर रहे युवाओं को दो से तीन वर्ष विलंब हुई है। कुछ लोगों को पी.एच.डी. अवार्ड होते एवं विकेन्सी आते तक उम्र सीमा पार हो गई है। यह कि वर्तमान समय में शासकीय महाविद्यालयों में भारी संख्या में सहायक प्राध्यापक का पद रिक्त है। आपके कार्यकाल में नवीन महाविद्यालय भी खुल रहे है। छत्तीसगढ़ में नेट/सेट/पी.एच.वी युवाओं की संख्या भी बढ़ी है। जो सहायक प्राध्यापक परीक्षा की लम्बे समय से तैयारी कर रहे है। उनके पास और कोई विकल्प नहीं है।

आयु सीमा 50 वर्ष करने की मांग की
2024-25 सत्र में सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा में आयु सीमा 50 वर्ष करने की कृपा करेंगे क्योंकि 5-7 वर्षों में सहायक प्राध्यापक विकेन्सी नहीं आने के कारण युवाओं को बिना अवसर मिले ही उम्र सीमा समाप्त हो रही है। 2019 सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी के कारण सी.बी.आई. जांच चल रही है। उस समय कई योग्य लोग चयन होने से वंचित हो गये थे। सहायक प्राध्यापक भर्ती की उम्र सीमा को बढ़ाने की सहानुभूति पूर्वक विचार करने की कृपा करें। अतः माननीय महोदय से निवेदन है कि नियमित रूप से सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा की विकेन्सी निकालने की परंपरा आरंभ की जावे। जिससे छत्तीसगढ़ के समस्त उच्च शिक्षित बेरोजगारों को मौका मिलेगा। उक्त कार्य के लिए हम आजीवन आपके ऋणी रहेंगे।

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