छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों ने एक बार फिर सुरक्षाबलों को निशाना बनाया है। एंटी नक्सल ऑपरेशन के तहत सर्चिंग पर निकली टीम जब भोपालपटनम के उल्लुर इलाके से गुजर रही थी, तभी रास्ते में छिपाए गए आईईडी विस्फोट का शिकार हो गई। धमाके में डीआरजी का एक जवान शहीद हो गया, जबकि दो जवान घायल हो गए हैं।
एसपी जितेंद्र यादव ने घटना की पुष्टि की है। फिलहाल इलाके में सर्च ऑपरेशन और तेज कर दिया गया है। नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बलों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
पहले भी बड़ा हमला
याद दिला दें, इसी साल 6 जनवरी को बीजापुर के कुटरू इलाके में हुए आईईडी धमाके में 8 जवानों ने अपनी जान गंवाई थी। रविवार को हुई यह घटना उसी पैटर्न पर की गई मानी जा रही है। दरअसल, अब नक्सली सीधे मुकाबले में फोर्स का सामना नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए वे आईईडी ब्लास्ट जैसे कायराना हथकंडों का सहारा ले रहे हैं। सड़कों के नीचे छिपाए गए इन विस्फोटकों का पता लगाना सुरक्षाबलों के लिए बेहद मुश्किल होता है, और इसी कमजोरी का फायदा नक्सली उठा रहे हैं।
बस्तर में नक्सली सिमटते जा रहे हैं
बस्तर संभाग में चल रहे लगातार एंटी नक्सल ऑपरेशनों के चलते माओवादियों का प्रभाव तेजी से घट रहा है। बड़ी संख्या में नक्सली मुठभेड़ों में मारे जा रहे हैं, वहीं कई नक्सली आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं। स्थानीय ग्रामीण भी अब हिंसा से दूरी बनाकर विकास की ओर देख रहे हैं। दशकों तक आतंक और पिछड़ेपन में जीने के बाद बस्तर की जनता अब चाहती है कि सड़कों, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी सुविधाएं उनके गांवों तक पहुंचे।