रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने आदिवासी अंचलों को मुख्यधारा की योजनाओं से जोड़ने के लिए बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर राज्य में 17 सितंबर से 2 अक्टूबर 2025 तक “आदि कर्मयोगी अभियान” संचालित किया जाएगा।
अभियान का उद्देश्य
इस विशेष अभियान का मकसद है —
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आदिवासी बहुल क्षेत्रों में सेवा, समर्पण और सुशासन की भावना के साथ योजनाओं का क्रियान्वयन
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हर परिवार तक आवास, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी मूलभूत सुविधाओं की पहुँच
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ग्रामीण स्तर पर विकास की नई राह खोलना
️ कवरेज एरिया
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28 जिले, 128 विकासखंड, और 6,650 आदिवासी बहुल ग्राम होंगे शामिल
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ग्राम स्तर पर 1,33,000 से अधिक कैडर (NGO, स्वयंसेवी, पंचायत प्रतिनिधि, युवा संगठन) तैयार किए जाएंगे
“आदि सेवा केंद्र” होंगे स्थापित
प्रत्येक चयनित ग्राम में आदि सेवा केंद्र खोले जाएंगे, जो होंगे—
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शासकीय योजनाओं की सेवाएँ उपलब्ध कराने का केंद्र
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जनभागीदारी और शिकायत निवारण का हब
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“सेवा पर्व” और “आदि कर्मयोगी सेवा अभियान” का संचालन स्थल
वालंटियर्स को मिलेगा प्रशिक्षण
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आदिम जाति विकास, अनुसूचित जाति विकास और पिछड़ा वर्ग विभाग के दिशा-निर्देशों के तहत प्रशिक्षण
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स्थानीय एनजीओ, सीएसओ और वालंटियर्स का चयन
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अभियान के दौरान जनजागरूकता कार्यक्रम, शिकायत निवारण शिविर और आदिवासी सेवा दिवस का आयोजन
कुल मिलाकर, “आदि कर्मयोगी अभियान” छत्तीसगढ़ में आदिवासी समाज को योजनाओं से जोड़ने और 2030 तक के लिए ट्राइबल विलेज विज़न तैयार करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।