मुंबई से लेकर हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर तक आसमान से लगातार बरसते पानी ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
हिमाचल प्रदेश
तीन दिन से जारी भारी बारिश ने राज्य को ठप कर दिया है। सतलुज नदी के उफान से सुन्नी-ततापानी रोड बह गई, जिससे करसोग का शिमला से संपर्क कट गया। चंडीगढ़-मनाली फोरलेन समेत तीन राष्ट्रीय राजमार्ग और करीब 353 सड़कें बंद हैं। बिलासपुर में अचानक आई बाढ़ से घाट पर जलती चिता तक डूब गई।
उत्तराखंड
गंगोत्री-यमुनोत्री हाईवे बह जाने से यातायात ठप है। बद्रीनाथ और ऋषिकेश-उत्तरकाशी मार्ग पर भी मलबा गिरने से रास्ते बंद हुए। ऋषिकेश में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है और घाट जलमग्न हो गए हैं।
जम्मू-कश्मीर
रामबन और उधमपुर में लैंडस्लाइड के कारण जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे बंद कर दिया गया। पत्थर हटाने का काम जारी है, यात्रियों को फिलहाल सफर न करने की सलाह दी गई है।
मुंबई और महाराष्ट्र
सोमवार को मुंबई में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। जगह-जगह पानी भरने के कारण ट्रैफिक जाम है। स्कूल-कॉलेजों में छुट्टी घोषित कर दी गई है। चेंबूर में लैंडस्लाइड से तीन घर क्षतिग्रस्त हुए। मौसम विभाग ने पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग और गोवा के लिए फ्लैश फ्लड अलर्ट जारी किया है।
दिल्ली और हरियाणा
हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद यमुना का जलस्तर बढ़ गया है। दिल्ली के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा है। हरियाणा में यमुनानगर से लेकर कुरुक्षेत्र तक नदियाँ उफान पर हैं।
उत्तर प्रदेश और बिहार
यूपी के 20 जिलों में बाढ़ जैसे हालात हैं, मुरादाबाद में रामगंगा नदी से निचले इलाके जलमग्न हो गए। बिहार के 17 जिलों में बारिश का अलर्ट और आकाशीय बिजली गिरने की चेतावनी दी गई है।
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़
एमपी के 14 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी है, खासकर देवास, हरदा, खंडवा और बुरहानपुर में। वहीं, छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में रेड और ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है।
पंजाब और राजस्थान
पंजाब में रावी और सतलुज के उफान से बाढ़ जैसे हालात हैं। राजस्थान में बंगाल की खाड़ी से बने लो-प्रेशर सिस्टम के चलते 27 जिलों में यलो अलर्ट जारी हुआ है।
झारखंड
राज्य में आज से बारिश का नया दौर शुरू हुआ है। अगले दो दिनों तक हल्की से मध्यम बारिश होगी और 21 अगस्त से तेज बारिश की संभावना है।
कुल मिलाकर, देश के कई हिस्सों में बारिश राहत के बजाय आफ़त बनकर आई है — कहीं सड़कें टूटीं, कहीं नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं और कई राज्यों में अलर्ट जारी है।