NDA ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना प्रत्याशी तय कर लिया है। महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को इस पद के लिए उम्मीदवार बनाया गया है। रविवार को हुई भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में उनका नाम तय किया गया और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसकी औपचारिक घोषणा की।
राधाकृष्णन 21 अगस्त को नामांकन दाखिल करेंगे। उपराष्ट्रपति पद का चुनाव 9 सितंबर को होगा और उसी दिन मतगणना भी पूरी कर दी जाएगी। नामांकन की आखिरी तिथि 21 अगस्त है और उम्मीदवार 25 अगस्त तक अपनी उम्मीदवारी वापस ले सकते हैं।
यह चुनाव इसलिए हो रहा है क्योंकि मौजूदा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से 21 जुलाई को अचानक इस्तीफा दे दिया था।
आरएसएस से शुरुआत, फिर भाजपा की राजनीति में बड़ा सफर
चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन का जन्म 20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुपुर में हुआ। उन्होंने बीबीए की पढ़ाई की और 16 साल की उम्र में ही आरएसएस से जुड़ गए। साल 1974 में वे भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी समिति के सदस्य बने।
1998 और 1999 में उन्होंने कोयंबटूर लोकसभा सीट से सांसद के रूप में जीत दर्ज की। 2004 से 2007 तक वे भाजपा तमिलनाडु के प्रदेश अध्यक्ष रहे और इसी दौरान उन्होंने 19,000 किलोमीटर लंबी रथयात्रा निकाली।
खेलों में भी उनकी गहरी रुचि रही है। कॉलेज के दिनों में वे टेबल टेनिस चैंपियन रहे और लंबी दौड़ में भी अच्छा प्रदर्शन किया। वे क्रिकेट और वॉलीबॉल के शौकीन भी रहे हैं।
राज्यपाल, कॉयर बोर्ड और अंतरराष्ट्रीय अनुभव
राधाकृष्णन जुलाई 2024 से महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। इससे पहले वे झारखंड के राज्यपाल रह चुके हैं और तेलंगाना व पुडुचेरी का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला।
2004 में वे संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बने और ताइवान जाने वाले पहले भारतीय संसदीय दल के सदस्य भी रहे।
2016 में उन्हें कॉयर बोर्ड का चेयरमैन नियुक्त किया गया और उनके कार्यकाल में भारत का कॉयर निर्यात 2,532 करोड़ रुपए के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचा।
व्यक्तिगत जीवन और रिश्ते
राधाकृष्णन की पत्नी का नाम आर. सुमति है। उनके एक बेटा और एक बेटी हैं, हालांकि परिवार राजनीति से दूर रहता है।
उनके तमिलनाडु में सभी राजनीतिक दलों से अच्छे संबंध हैं। चाहे मुख्यमंत्री एमके स्टालिन हों या अन्य नेता, वे सभी से सहज व्यवहार रखते हैं।
उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया
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निर्वाचक मंडल : लोकसभा और राज्यसभा के चुने और नामित सभी सांसद इसमें शामिल होते हैं। मौजूदा संख्या 782 है।
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बहुमत की आवश्यकता : जीत के लिए कम से कम 391 सांसदों का समर्थन जरूरी।
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नामांकन : 20 सांसदों के प्रस्ताव और 20 के समर्थन से ही नामांकन वैध होता है।
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मतदान : सांसद मतपत्र पर उम्मीदवारों को प्राथमिकता क्रम में वोट देते हैं।
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परिणाम : मतदान और परिणाम एक ही दिन घोषित होते हैं।
NDA की जीत लगभग तय
लोकसभा में एनडीए के 293 और राज्यसभा में 129 सांसद हैं। नामित सदस्यों का समर्थन भी जोड़ दें तो गठबंधन के पास 422 वोट हो जाते हैं। यानी आवश्यक बहुमत 391 से कहीं अधिक।
पिछली बार 2022 में एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ को 528 वोट मिले थे, जबकि विपक्षी उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को 182 वोट।
इस बार भी समीकरण एनडीए के पक्ष में ही नजर आ रहे हैं।