मतदाता सूची में कथित गड़बड़ी को लेकर विपक्ष अब पूरी तरह हमलावर हो गया है। इंडिया गठबंधन के नेताओं ने संकेत दिए हैं कि वे मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव ला सकते हैं।
कांग्रेस के सांसद इमरान प्रतापगढ़ी, AAP के संजय सिंह और TMC के कल्याण बैनर्जी ने संसद के भीतर और बाहर इस मुद्दे पर विरोध जताया।
राहुल गांधी का आरोप बनाम चुनाव आयोग का जवाब
राहुल गांधी ने हाल ही में महाराष्ट्र, कर्नाटक और हरियाणा में वोटिंग प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए।
उनका कहना है कि मतदाता सूची से छेड़छाड़ कर बीजेपी को लाभ पहुँचाया जा रहा है। बेंगलुरु सेंट्रल की महादेवपुरा सीट का उदाहरण देते हुए उन्होंने दावा किया कि वहाँ 1 लाख से ज्यादा फर्जी वोटर दर्ज हैं।
वहीं, CEC ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इन दावों को “पूरी तरह निराधार” बताया और कहा कि राहुल गांधी 7 दिन में हलफनामा देकर सबूत पेश करें या फिर सार्वजनिक रूप से माफी मांगें।
विपक्ष की रणनीति
सूत्रों के मुताबिक, INDIA गठबंधन जल्द ही मुख्य चुनाव आयुक्त के खिलाफ संसद में महाभियोग प्रस्ताव लाने पर विचार कर रहा है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सवाल उठाया कि क्या चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट के 14 अगस्त के आदेश को लागू करेगा या नहीं।
महाभियोग की प्रक्रिया क्या है?
संविधान के अनुच्छेद 324(5) के तहत, मुख्य चुनाव आयुक्त को हटाने का तरीका सुप्रीम कोर्ट के जज जैसा ही है।
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सबसे पहले संसद में महाभियोग प्रस्ताव लाना होता है।
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प्रस्ताव पर दोनों सदनों में विस्तार से बहस होती है।
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इसे पारित करने के लिए दो-तिहाई बहुमत जरूरी है।
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इसके बाद अंतिम मंजूरी राष्ट्रपति देती हैं।