बेमेतरा। मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान 2025 के तहत जिले के हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों के प्राचार्यों का दो दिवसीय प्रशिक्षण डाइट बेमेतरा में शुरू हुआ। पहले दिन बेमेतरा और नवागढ़ विकासखंड के प्राचार्यों ने हिस्सा लिया।
प्रशिक्षण का उद्देश्य
डाइट प्राचार्य जे.के. घृतलहरे ने बताया कि इस अभियान का मकसद स्कूलों में शैक्षणिक माहौल को बेहतर बनाना और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना है। प्राचार्यों को नेतृत्वकर्ता की भूमिका निभानी होगी—शिक्षकों को आधुनिक शिक्षण पद्धतियों के लिए प्रेरित करना, बच्चों की सीखने की प्रक्रिया को रोचक बनाना और पालक-शिक्षक बैठकों को प्रभावी ढंग से आयोजित करना उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी होगी।
सामाजिक अंकेक्षण पर जोर
प्राचार्य घृतलहरे ने कहा कि हर स्कूल में सामाजिक अंकेक्षण आयोजन दल बनाया जाएगा। इसमें स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि, शाला प्रबंधन समिति के सदस्य, समुदाय के अनुभवी लोग और सेवानिवृत्त शिक्षक शामिल होंगे। यह समिति शिक्षण की गुणवत्ता पर निगरानी रखेगी।
मास्टर ट्रेनर्स का मार्गदर्शन
पहले दिन के प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर्स दीपिका साहू ने हायर सेकेंडरी स्तर पर रुब्रिक्स से जुड़े 20 सवालों पर विस्तार से चर्चा की। उद्धव कुमार साहू ने स्पष्ट किया कि आकलन तीन स्तरों—बालक, शिक्षक और विद्यालय—पर किया जाएगा।
जितेंद्र सिन्हा ने समिति गठन की प्रक्रिया समझाई, जबकि विकेश कुमार यादव ने अंकेक्षण से लेकर मूल्यांकन तक के सभी चरण बताए।
6 मास्टर ट्रेनर्स की टीम
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद रायपुर ने इस प्रशिक्षण के लिए 6 मास्टर ट्रेनर्स नियुक्त किए हैं—जितेंद्र सिन्हा, सरिता मांडले, उद्धव कुमार साहू, सागरिका यादव, विकेश यादव और दीपिका साहू। इन्हीं की देखरेख में सभी संकुल प्राचार्य प्रशिक्षण प्राप्त कर आगे अपने-अपने केन्द्रों में प्रशिक्षण देंगे।